अच्छे दिन तो नहीं आए मगर पूरा देश श्मशान घाट ज़रूर बन गया।जहां देखो लाशें और कब्रिस्तान दिख रहे हैं:हसीब

किसानों ने काले झंडे लगाकर और केंद्र सरकार का पुतला फूँककर मनाया काला दिवस।

रामपुर(मुजाहिद खाँ):कृषि बिल के विरोध में किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर सयुंक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर देश भर में काला दिवस मनाया गया।जिसमें किसानों ने घरों,वाहनों और कार्यालयों पर काले झंडे लगाने के साथ ही जिले में मुख्य चौराहों और मार्गों पर केंद्र सरकार के ख़िलाफ प्रदर्शन कर केन्द्र सरकार का पुतला फूंका।
रामपुर में तय कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में किसान भारतीय किसान यूनियन टिकैत के कार्यालय पर जमा हुए और जिलाध्यक्ष हसीब अहमद के नेतृत्व में केंद्र सरकार का पुतला लेकर प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के ख़िलाफ जमकर नारेबाज़ी की।इस दौरान पुलिस और पुतला जलाने को लेकर किसानों और पुलिस में नोकझोंक भी हुई।
इस मौक़े पर जिलाध्यक्ष हसीब अहमद ने कहा कि चारों तरफ दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 6 महीने से कृषि बिल के विरोध में किसान बैठा है।आज 6 महीने धरने को चलते हुए पूरे हो गए इसीलिए निर्णय लिया गया कि काला दिवस मनाया जाए।हसीब ने कहा जो सरकार अच्छे दिनों का वादा करके सत्ता में पहुंची थी,कि आपको 15 लाख रुपए मिलेंगे,डीज़ल सस्ता मिलेगा,गैस सिलेंडर सस्ता मिलेगा सभी जरूरत की चीजें सस्ती मिलेंगी और अच्छे दिन आएंगे।लेकिन देखने को यह मिल रहा है अच्छे दिन तो नहीं आए और 6 महीने से किसान दिल्ली के चारों तरफ बैठा है मगर पूरा देश श्मशान घाट जरूर बन गया जहाँ देखो लाशें दिख रही है कब्रिस्तान दिख रहे हैं।अस्पताल में जाओ तो हर तरफ डेड बॉडी पड़ी है यह दिन देखने को मिल रहे हैं।इसीलिए पूरे भारतवर्ष में काला दिवस मनाया गया।साथ ही कोरोना काल में सरकार की जो गाइडलाइन है उसे फॉलो किया गया,जिसके तहत 50 आदमियों से ज्यादा नहीं बुलाया गया।साथ ही हर गांव में किसानों ने अपने घरों,अपने ट्रैक्टरों और अपने वाहनों पर काले झंडे लगाए हैं और भारत सरकार का पुतला दहन किया गया।कहा यहां भी केंद्र सरकार का पुतला लेकर प्रदर्शन किया लेकिन प्रशासन ने पुतला नहीं जलने दिया लेकिन फिर भी किसानों ने उसके टुकड़े निवाले कर अपना काम पूरा किया।संयुक्त मोर्चे में शामिल सभी किसान संगठनो ने प्रदर्शन किया है बहुत सारे संगठन है कुछ सरकार ने अपने भी बना रखे हैं जो भारतीय किसान संघ उनका अपना है।लेकिन जो संगठन किसानों के हितैषी हैं वह संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े हैं इसके तहत ही पूरे भारत में काला दिवस मनाया गया।हसीब ने कहा देश की जनता भाजपा की केंद्र सरकार को माफ नहीं करेगी।चेतावनी देते हुए कहा जब तक काले क़ानून की वापसी नहीं होगी किसान घर वापस नहीं लौटेंगे।इसके बाद किसानों का जत्था दिल्ली रवाना हो गया।
इस अवसर पर राहत खान,अनीस अहमद,डॉ मेहंदी हसन,सलीम टेलर,वसीम हाजी,सरदार जागीर सिंह,वीरेंद्र सिंह,होरी लाल,खुशीराम यादव,मोहम्मद तालिब,छिद्दा नेता,विनोद यादव,राम बहादुर सागर,मोहम्मद मुस्तकीम,हरिओम रवि,इरफान अहमद,अंसार सैफी,सलमान,रामदास मौर्य आदि किसान शामिल रहे।
वहीं प्रशासन की ओर सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ सिटी भी भारी पुलिस बल के साथ प्रदर्शन स्थल पर मौजूद रहे साथ ही ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की जाती रही।
सिटी मजिस्ट्रेट रामजी मिश्र ने कहा कि टिकैत गुट का पहले से प्रस्तावित कार्यक्रम था और कार्यालय पर ही ज्ञापन ले लिया गया कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।

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