नई दिल्ली। झारखंड में हुई मॉब लीचिंग की घटना को लेकर अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने सवाल उठाये हैं। आयोग ने भीड़ द्वारा तबरेज अंसारी को पीट पीट कर मार दिए जाने की घटना की निंदा करते हुए सरकार से इस तरह की हिंसा और धमकी को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का आह्वान किया।

यूएससीआईआरएफ के चेयरमैन टोनी पर्किन्स ने कहा, “हम इस क्रूर हत्या की कड़ी निंदा करते हैं, जिसमें अपराधियों ने अंसारी को कथित तौर पर हिंदू मंत्रों का उच्चारण करने के लिए मजबूर किया।”

उन्होंने कहा, “हम भारत सरकार से ठोस कार्रवाई करने का आह्वान करते हैं,जिससे इस तरह की हिंसा को रोका जा सके।” उन्होंने कहा, “जवाबदेही का अभाव उन लोगों को प्रोत्साहित करता है जो मानते हैं कि वे धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बना सकते हैं।”

इससे पहले अपनी हालिया वार्षिक रिपोर्ट में, यूएससीआईआरएफ ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन को लेकर चिंता व्यक्त की है। वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ, खासतौर पर मुस्लिमों पर हिंसक चरमपंथी हिंदू समूहों द्वारा भीड़ के हमले 2018 में भी जारी रहे।

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ द्वारा जारी रिपोर्ट में गृह मंत्रालय के आंकड़ों के हवाले से कहा गया है कि 2015 में 2017 तक भारत में सांप्रदायिक घटनाओं में 9 फीसदी की वृद्धि हुई है, 822 घटनाओं के साथ 111 मौतें हुई और 2017 में 2,384 घायल हुए।

बता दें कि बीते सप्ताह बुधवार को 24 साल के तबरेज़ अंसारी को चोरी के संदेह में पिछले बुधवार को झारखंड के सेरीकेला खरसावां जिले के धातकीडीह गांव में भीड़ द्वारा एक खंभे से बांध कर लाठियों से पीटा गया था। नवविवाहित व्यक्ति को कथित तौर पर “जय श्री राम” और “जय हनुमान” का नारा लगाने के लिए मजबूर करते हुए हुए वीडियो में देखा गया। उन्होंने शनिवार को दम तोड़ दिया।

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