- -सात मोहर्रम पर नहीं निकला मेंहदी का जुलूस।
- -इमामबाड़ा खासबाग में मातम और नौहाख्वानी।
रामपुर(जदीद न्यूज़)। कोरोना संक्रमण की वजह से सात मोहर्रम पर मेंहदी का जुलूस भी नहीं निकला।सात मोहर्रम पर गुरुवार को इमामबाड़ा खासबाग में नज़र,रौशनी और नौहाख्वानी का एहतमाम किया गया।
सैकड़ों सालों से दारुलसनात से निकाले जाने वाला मेंहदी का जुलूस इस बार नहीं निकाला जा सका।कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू नियमों की वजह से ऐसा किया गया। इमामबाड़ा खासबाग में असलम महमूद और सैयद हसन मेंहदी ने मातमी धुनों पर नौहख्वानी की। असलम महमूद ने नौहा पढ़ा…कासिम तेरे मरने की सदा याद रहेगी,हर दिल में गमो दर्द की बुनियाद रहेगी।सैयद हसन मेंहदी ने नौहा पढ़ा…
है शोर खेमे में क़ासिम की लाश आई,फूफी हैं पीटती सर – देती मां दुहाई है।पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां की कियादत में पांच लोगों ने मेंहदी और अलम इमामबाड़ा खासबाग में पेश किये।यहां नज़र और रौशनी भी की गई।तबर्रुक भी तक़सीम किया गया।ख्वातीन ने भी नौहख्वानी के बाद मातम किया।
इस मौके पर पूर्व मंत्री नवाब काज़िम अली खान उर्फ नवेद मियां ने कहा रामपुर के पहले शिया नवाब मोहम्मद सईद खान के वक़्त से चल रही है जो पहले शिया नवाब थे उससे पहले सारे नवाब सुन्नी नवाब थे।1949 से पहले किला इमामबाड़ा में अज़ादारी चलती थी।1930 में किला नवाब रज़ा अली खान और सारा परिवार खासबाग़ में शिफ्ट हुआ लेकिन इमामबाड़ा किले का ही इस्तेमाल करते थे।लेकिन 1949 में मर्जर होने के बाद से सरकार हवाले करने के बाद से इस ऐतिहासिक खासबाग़ इमामबाड़े में सारी अज़ादारी होती है।
नवेद मियां ने कहा 1992 से 28 साल से इस शिया औक़ाफ़ का मुतवल्ली हूँ इससे पहले मेरे वालिद ज़ुल्फ़िकार अली खां उर्फ मिक्की मियां हुआ करते थे।लेकिन इस साल पहली बार कोविड-19 संक्रमण और क़ानूनी बंदिशों के चलते सारी अज़ादारी में सिर्फ दस बारह लोग ही हुआ करते हैं इस इमामबाड़े में हज़रत इमाम हुसैन के रोज़े की है नवाब रज़ा अली खान ने आर्किटेक्ट भेजा था कर्बला जो उसकी ही कॉपी यहाँ चांदी की ज़री में मौजूद है।
इस शाही इमामबाड़े में ईरान, इराक़ वग़ैरह से झाड़ फानूस लगभग 1200 अलम मटके ज़री मौजूद हैं।कहा अब न गद्दी है न रियासत लेकिन फिर भी उसी रस्मो रिवाज से यहाँ अज़ादारी कर रहे हैं।इस मौके पर पूर्व सांसद बेगम नूरबानो,पूर्व मंत्री के पीआरओ काशिफ खां,शकेब अब्बास,शबाब हुसैन,आरिफ हुसैन,राशिद हिलाल,शान जैदी,कमल रिजवी,राशिद एजाज,जॉन जैदी आदि मौजूद रहे।