स्वार(रामपुर)। खेल शरीर को स्वस्थ रखता है। स्वस्थ शरीर में, स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है।
आज की भगदौड़ वाली ज़िन्दगी में मनुष्य अपने स्वाथ्य के लिए समय नही निकाल पाता।और यदि समय मिल भी जाये तो इन्टरनेट से चिपक एकाकी जीवन जीते हैं। शारिरिक खेलों का महत्व इंटरनेट और मोबाइल के अधिक प्रयोग से खत्म होता जा रहा है।
वर्तमान के नौनिहालों में अनुशासन हीनता, परिवारिक मूल्यों का ह्रास होता जा रहा है। अल्पायु में ही गम्भीर रोगों से ग्रसित होते जा रहें हैं। परिवार,समाज, में निष्क्रिय और स्वार्थी होते जा रहे हैं। आधुनिकता की होड़ में मोबाइल और इंटरनेट के अधिक प्रयोग से मानव का जीवन एकाकी हो गया है।
“वसुधैव कुटुम्बकम” की भावना समाप्त हो रही है। प्राचीन काल मे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए शारीरिक खेलों को खेला जाता था। जिससे टीम भावना विकसित होती थी। स्वार्थी पन को कोई जगह नहीं थी। मेहनत से जब पसीना बहता था तो शरीर हृस्ट पुष्ट रहता था।
शारीरिक श्रम के महत्व को देखते हुए स्कूल कॉलेजों में शारिरिक शिक्षा को अनिवार्य विषय किया गया। शरीरिक शिक्षा के अंतर्गत योग और सामूहिक खेल भी आते हैं। खिलाड़ी हमेशा स्वस्थ और निरोग रहता है।
वर्तमान में मधुमेह, ह्रदय गति, उच्च रक्तचाप,कॉलेस्ट्रॉल, मोटापा आदि गंभीर रोगों से अधिकांश लोग ग्रसित हैं। जिसका मुख्य कारण शरीरिक श्रम नही करना है।
खेलों को बढ़ावा देने और सामूहिक सदभावना विकसित करने के उद्देश्य से स्वार तहसील के ग्राम मुंशीगंज निवासी जगपाल सैनी जो पेशे से अध्यापक है और पिछड़ा समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष हैं, ने इस गंभीर विषय पर गहनता से विचार किया एवं अपने गॉव से शुरुआत करते हुये स्वतन्त्रता दिवस के मौके पर गांव के खेल से प्रेम रखने वाले व बॉली बॉल के शौकीन नवयुवकों को खेलों के लिए प्रोत्साहित करते हुए लॉक डाउन का पालन करते हुए सामाजिक दूरी रखकर बॉली बॉल किट सप्रेम भेंट की। और खेल के मैदान में जाकर उद्वघाटन किया। तथा शान्ति के प्रतीक गुब्बारों को उड़ाकर खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया। उन्होंने कहा कि खेलों से पारस्परिक प्रेम,मित्रता, सौहार्द व आपसी भाईचारा से बढ़ता है तथा तन व मन स्वस्थ रहता है। साथ ही निरन्तर अभ्यास से खेलों में निपुणता आ जाने के उपरांत देश के लिए खेल कर अपना भबिष्य भी संवारा जा सकता है। इससे कैरियर भी बनाया जा सकता है। और खेलों में अच्छे प्रदर्शन से देश को गौरान्वित करते हुए विश्व पटल पर देश का नाम रौशन किया जा सकता है। जिससे आपको भी अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त होगी।
मास्टर रूप किशोर सैनी मुख्य अथिति के रूप में रिंकू सैनी,अर्जुन सैनी, बंटी दिवाकर,देवीदास सैनी,रवि मौर्य,मनोज मौर्य आदि के साथ उपस्थित रहे।