दिल्ली: चुनाव आयोग ने चुनाव के तीन चरण पूरे होने के बाद होश के नाखून लेते हुए आखिरकार ताक़तवर नेताओ पर आचार सहिंता के उल्लघन पर शिकंजा कसने का ऐलान करते हुए मंगलवार को बैठक बुलाई है।
चंद्रा भूषण कुमार ने कहा “चुनाव आयोग ने पीएम मोदी, अमित शाह और राहुल गांधी के खिलाफ आचार सहिंता के उल्लघन पर सारे ब्योरे पर इनपुट के हर मुद्दे पर फैसला लेने के लिए मंगलवार को एक बैठक निर्धारित की है,” आयोग उन्हें सार्वजनिक करेगा।

आज काग्रेस, चुनाव आयोग की शिकायत लेकर सुप्रीम कोर्ट गयी कि मोदी-शाह के खिलाफ आचार सहिंता के उल्लघन पर कोई भी एक्शन नहीं लिया जा रहा है, इसी मौक़े को भांपते हुए और कोर्ट की डांट से बचने के लिये यह फैसला लिया गया है क्योंकि कोर्ट पहले भी चुनाव आयोग को नींद से जागने के लिये डांट लगा चुका है।
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष देवी की याचिका का उल्लेख किया, जिसमें तत्काल सुनवाई की मांग की गई, लेकिन साफ तौर से पीएम मोदी और अमित शाह का नाम नहीं लिया गया। भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने एक वरिष्ठ वकील से पूछा: “आप स्पष्ट रूप से नामों का उल्लेख क्यों नहीं करते हैं।”
कांग्रेस की महिला शाखा की प्रमुख देव ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलील में कहा कि 10 मार्च को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से कांग्रेस ने 40 से अधिक शिकायत पोल पैनल को भेजे थे। इनमें कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा के दो नेताओं द्वारा कोड उल्लंघन के आठ उदाहरण हैं; छह पीएम मोदी और दो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ है।
उप चुनाव आयुक्त कुमार संदीप सक्सेना ने चुनाव संहिता उल्लंघन की प्रक्रिया में लगने वाले समय की व्याख्या करते हुए कहा कि आयोग को कानूनी विंग, चुनावी खर्च, मीडिया और योजना द्वारा जांच सहित अपने उचित कोशिश करना चाहिए थी, “हर चीज़ पर अमल किया गया है, मंगलवार को आयोग की बैठक बुलाई है।