जदीद न्यूज़: राहुल गांधी ने शुक्रवार को पार्टी के जम्मू और कश्मीर के कांग्रेस प्रमुख गुलाम अहमद मीर और प्रवक्ता रविंदर शर्मा की “गिरफ्तारी” की निंदा करते हुए कहा कि यह सरकार द्वारा लोकतंत्र के लिए एक और “शारीरिक झटका” है। उनकी प्रतिक्रिया के कुछ ही घंटे बाद पार्टी ने ट्वीट में दावा किया कि उसके नेताओं को एक संवाददाता सम्मेलन में गिरफ्तार किया गया था।

उन्होंने ट्वीट किया, “जम्मू में आज हमारे जम्मू-कश्मीर पीसीसी चीफ, श्री गुलाम अहमद मीर और प्रवक्ता, श्री रविन्द्र शर्मा की गिरफ्तारी की हम कड़ी निंदा करते हैं। एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के खिलाफ अकारण की गई कार्रवाई से सरकार ने लोकतंत्र को एक और झटका दिया है। यह पागलपन कब खत्म होगा। ?”

कथित गिरफ्तारी के घंटों बाद राज्य प्रशासन ने घोषणा की कि प्रतिबंध वापस ले लिया जाएगा, फोन लाइनों को बहाल किया जाएगा और कश्मीर में स्कूलों और कार्यालयों को अगले सप्ताह फिर से खोला जाएगा।

कांग्रेस ने शुक्रवार को ट्वीट किया, “जम्मू कश्मीर में हमारे प्रवक्ता श्री रविंद्र शर्मा को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए गैर कानूनी रूप से गिरफ्तार किया था। और ऐसे ही पीसीसी प्रमुख श्री गुलाम अहमद के साथ किया था। हम मोदी सरकार के इस तानाशाही कदम की निंदा करते हैं और उन्हें तुरंत रिहा करने की मांग करते हैं”।

पार्टी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर भर में गैर कानूनी रूप से की गई गिरफ्तारी से पता चलता है कि बीजेपी को नागरिक स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की परवाह नहीं है।

अदालत ने शशि थरूर के खिलाफ जारी किया गिरफ्तारी वारंट

 जम्मू और कश्मीर में पिछले सप्ताह कई बड़े बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया गया था क्योंकि सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत राज्य का विशेष दर्जा समाप्त करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के अपने फैसले पर किसी भी तरह के  विरोध प्रदर्शन को दबाना चाहती थी। विरोध को दबाने के चरण में भारत सरकार ने कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को गिरफ्तार किया जो श्रीनगर मे पहले घर में नजरबंद किया बाद में सुरक्षित ठिकानों में पहुंचाया जहां वह अभी तक बंद हैं।

 सिविल सेवा छोड़ राजनीति में क़दम रखने वाले कश्मीरी IAS टॉपर शाह फैसल को भी बुधवार को दिल्ली हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया था, बताया जाता है कि वह विदेश जाने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें वापस श्रीनगर भेजा गया है जहाँ उन्हें सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की ही तरह घर में नजरबंद कर दिया गया। सरकार के इस कदम को लेकर शाह फैसल ने सोशल मीडिया पर काफी आलोचना की और इन्टरनेशनल मीडिया तक भी अपनी बात पहुंचाई।

 राज्य के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में सरकारी कार्यालय पूरी तरह से कार्यशील हो गए हैं और अगले सप्ताह “क्षेत्र वार” स्कूलों को फिर से खोला जाएगा और दूरसंचार सेवाओं को भी से बहाल किया जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here