नई दिल्ली lजवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) परिसर में रविवार (5 जनवरी, 2019) रात को उस वक्त हिंसा भड़क गई जब लाठियों से लैस नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला किया। परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जिसके बाद प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा। हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष सहित कम से कम 28 लोग घायल हो गए, जिन्हें एम्स में भर्ती कराया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों और घायलों ने बताया कि कैंपस में पहुंचे हमलावरों की संख्या करीब 100 के आसपास थी। वे सभी बाहरी थे और आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी से जुड़े हुए थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस भीड़ को कैंपस में रोकने में और हिंसा पर तुरंत काबू पाने में नाकाम रही जबकि शिक्षक और छात्रों ने तुरंत पुलिस को सूचना दे दी
जेएनयु हिंसा -वायरल चैट VC अपना है,  DU के लोगों कि एंट्री आप करवाइए ,वहां कुछ करना है
एसएफआई कार्यकर्ता सोरी कृष्णन उन लोगों में शामिल हैं जिनके ऊपर सबसे पहले हमला किया। उन्होंने बताया कि हमला शुरू होने से कुछ घंटे पहले नकाबपोशों की भीड़ पहले पेरियार हॉस्टल में जमा हुई। सोरी कृष्णन कहते हैं, ‘नकाबपोशों की भीड़ ने पहले हमें हिंदी में गाली दी। जब मैंने इसका विरोध किया तो उन्होंने मेरे सिर पर रॉड से हमला कर दिया किया। मेरे सिर में दो टांके लगे हैं और मेरे हाथ भी जख्मी हो गए।’
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बता दें कि यह हिंसा तब हुई जब जेएनयू शिक्षक संघ एक बैठक कर रहा था। इतिहास विभाग के एक प्रोफेसर आर महालक्ष्मी ने घटना का ब्योरा देते हुए कहा, ‘हमने टी प्वाइंट पर शाम पांच बजे एक शांति बैठक आयोजित की थी। जैसे ही यह खत्म हुई, बड़ी संख्या में लोग परिसर में दाखिल हुए और उन्होंने शिक्षकों और छात्रों पर मनमाने ढंग से हमला करना शुरू कर दिया।’ एक अन्य प्रोफेसर प्रदीप शिंदे ने कहा, ‘‘हमें इस बात पर आश्चर्य है कि इतनी बड़ी संख्या में लोग हाथों में छड़ें लिए कैंपस में कैसे घुसे। मुझे लगता है कि वे ऐसे राजनीतिक कार्यकर्ता थे जो हमेशा हमें देशद्रोही कहते हैं।’
ऑनलाइन साझा किए गए एक वीडियो में, घोष के सिर से खून बहते देखा जा सकता है। वीडियो में वह कहती सुनाई दे रही हैं, ‘मास्क पहने हुए लोगों ने मुझे बेरहमी से पीटा। जब मुझसे मारपीट की गई तब मैं अपने एक कार्यकर्ता के साथ थी। मैं बात तक करने की हालत में नहीं हूं।’ जेएनयूएसयू ने दावा किया कि एबीवीपी के सदस्य मुखौटे पहने हुए लाठी, छड़ और हथौड़े के साथ परिसर में घूम रहे थे।
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बता दें कि केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने जेएनयू छात्रों से विश्वविद्यालय की गरिमा बनाए रखने और परिसर में शांति बनाए रखने का आग्रह किया। एचआरडी मंत्रालय ने रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार से रविवार रात को हुई हिंसा पर तत्काल रिपोर्ट मांगी है। निशंक ने ट्वीट किया, ‘‘जेएनयू परिसर में हिंसा चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं इसकी निंदा करता हूं। मैं छात्रों से विश्वविद्यालय की गरिमा बनाए रखने और परिसर में शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।’’
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जेएनयू के पूर्व छात्र तथा केन्द्रीय मंत्री एस. जयशंकर और निर्मला सीतारमण ने जेएनयू में हुई हिंसा की घटना की निंदा की है। सीतारमण ने कहा कि हिंसा की तस्वीरें भयावह हैं और सरकार चाहती है कि विश्वविद्यालय सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित स्थान बने। (भाषा इनपुट)

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