डग्गामार बसों का कारोबार खूब फल फूल रहा,   सरकार व परिवहन विभाग को लग  रहा चूना

शाहाबाद  (रामपुर) शाहबाद से होती हुई दिल्ली व चंडीगढ़ तक बेखौफ होकर चल रही है डग्गामार बसें शाहबाद से चंडीगढ़ एवं दिल्ली तक बेखौफ होकर चल रही है धड़ल्ले से डग्गामार बसें जहां सरकार को राजस्व का चूना लगा रहे हैं, वहीं परिवहन विभाग को भी इनसे नुकसान हर माह भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है मज़े की बात तो यह है कि जिस रोड से यह डग्गामार बसे गुजराती है उसी रोड चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस खड़ी होती है और उसके बावजूद भी यह धक्का मार बसें बेवकूफ होकर उनके सामने से गुजर जाती है उसके साथ-साथ परिवहन विभाग इन डग्गामार बसो की तरफ से अपनी आखें बन्द किये हुए है और मौन बना हुआ है शाहबाद से दिल्ली चंडीगढ़ तक चल रही यह डग्गामार बसें जब शाहबाद पहुंचती हैं तो सवारियां छमता से अधिक होती हैं जिससे कई जानो को जोखिम में डालकर आए दिन सड़को पर दौड़ती हैं
इसके अलावा शाहबाद क्षेत्र के गांवों से भी दिल्ली,चंडीगढ़ को जाने वाली डग्गामार बसों से भी सवारियों को ढोया जाता है जिस कारण सरकारी परिवहन व्यवसाय को रोजाना हजारों का नुकसान उठाना पड़ता है
यह डग्गामार बसों के संचालक सरकारी नियमों को ताक पर रखकर मलाई काट रहे हैं इन डग्गामार बसों के संचालन से सीधे तौर पर परिवहन विभाग प्रभावित हो रहा है डग्गामार बसों के संचालन मे परिवहन विभाग की भूमिका से इनकार नही किया जा सकता है वहीं इन्हें रोकने की जहमत भी जिम्मेदार परिवहन विभाग नहीं उठा रहा है
जिले समेत तहसील क्षेत्र में प्रशासन को उन दो पहिया वाहन चालकों की जान की परवाह है जिन पर सिर्फ एक या दो व्यक्ति ही बैठते हैं परन्तु उन डग्गामार बसों के संचालन पर अफसर मौन साधे हुए हैं, जिनमें एक साथ 50 से 80 तक जीवन खतरे में पड़ सकता है जी हां! इन दिनों सड़क सुरक्षा सप्ताह चल रहा है, मगर सड़कों पर ओवरलोड और डग्गामार वाहन हादसों का सबब बन रहे हैं, जिन्हें देख कर भी प्रशासन और परिवहन विभाग अनजान बना हुवा है खास तौर पर बसों में क्षमता से अधिक सवारियों को बिठाया जाता है। जिसके कारण कभी कभी हादसे हो जाते हैं। शाहबाद से दिल्ली और चंडीगढ़ के लिए पूरे दिन डग्गामार व ओवरलोड गाड़ियों का आना जाना लगा रहता है आलम यह हैं कि अंदर सवारियां तो बैठती ही हैं बसों की छत पर सवारियां को बैठाकर सफर करती हुई देखी जाती हैं,

लेकिन प्रशासन सिर्फ दोपहिया वाहनों पर अपनी सख्ती दिखाती है पता नही बसों पर न जाने क्यों मेहरबान है, यह प्रश्न सभी की जबान पर है हद यहां तक है कि यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते चौराहों से फर्राटा भरते निकल जाते हैं, लेकिन कोई रोक टोक नहीं है तभी तो शहर से लेकर ग्रामीण तक कोई भी नियमों का पालन करने को तैयार नहीं है कुल मिलाकर जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते डग्गामार प्राइवेट बसों के चलने के कारण एक तरफ जहां सवारियों की जान जोखिम में रहती है तो दूसरी तरफ सरकारी राजस्व का भी भारी नुकसान हो रहा है इन डग्गामार बसों में अश्लील गाने चलाए जाते हैं रात्रि 10:30 बजे शाहबाद से दिल्ली जाने वाली डागा मार बस के संचालक का तो यह कहना है कि हम किसी भी अधिकारी से नहीं डरते हैं यहां से लेकर दिल्ली तक सब सेटिंग से कार्य चल रहा है

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