नई दिल्ली (जदीद न्यूज़ ) भारत के मुस्लिम समुदाय पर हमलों में अचानक इजाफा हुआ है , चलते फिरते कोन कब आप पर हमला कर दे कहा नहीं जा सकता है आपके पड़ोस में रहने वाला दुसरे संप्रदाय का व्यक्ति कब मानव बम बन जाये यह भी अंदाज़ा लगाना मुश्किल है, आप मोहल्ले में होली, दिवाली, ईद साथ मानते थे मगर अब इन बातों को भूल जाईये क्योंकि आपके पड़ोस में रहने वाले जुम्मन चाचा जिनके घर आप बचपन में खेलते खेलते सो जाते थे और वो उसी हालत में आपको घर पहुंचाते थे  आपको उन से ताल्लुकात नहीं रखना चाहिए सिर्फ इस बात पर की वह मुस्लिम हैं और आप हिन्दू क्या यह बात सही है |

कहीं भी अचानक भीड़ उग्र हो जाती है और सिर्फ इस बुनियाद पर की सामने वाला व्यक्ति मुस्लमान है उसको जान से मारने पर उतारू हो जाती है मगर अभी इंसानियत ख़तम नहीं हुई है कुछ हाथ इसे भी हैं जो इसी भीड़ से निकल कर उस व्यक्ति की रक्षा करते हैं

ताज़ा मामला भाजपा द्वारा लोकसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने और संसद के सेंट्रल हॉल में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का अपने नेताओं से मुसलमानों का विश्वास जीतने का आग्रह करने के तुरंत बाद ही दिल्ली के जैतपुर में सामने आया है एक मुस्लिम युवक को भीड़ द्वारा बुरी तरह पीटा गया, धमकी दी गई, सांप्रदायिक गलियां दी गयीं, उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया. सिर्फ़ इसलिए क्योंकि वो लड़का मुस्लिम था.

मामला जैतपुर एक्सटेंशन पार्ट-2 के रहने वाले मोहम्मद साजिद का है वह उसी इलाके में एक सेल्समैन के रूप में काम करते हैं. 28 मई को वो अपने दोस्त गौरव के साथ दुकान से घर लौट रहे थे. जब ये दोनों जैतपुर के गुरुद्वारे के पास पहुँचे तो वहां युवाओं का एक गिरोह पहले से मौजूद था जिन्होंने साजिद और गौरव दोनों पर हमला कर दिया. गौरव किसी तरह भागने में सफल रहा मगर साजिद को उन युवकों ने पकड़ लिया और उसे बेरहमी से पीटा. ये जानने के बाद कि साजिद एक मुस्लिम है, उन्होंने उसे उग्र और हिंसक तरीके से मारा.

हालांकि, नफ़रत की इस घटना में एक बारीक फ़र्क ये देखने को मिला कि वह अपने हिंदू दोस्त के रिश्तेदारों द्वारा बचा लिया गया जो घटना की जानकारी होने के बाद उसे बचाने के लिए समय से मौके पर पहुंच गए.

पीड़ित ने एक स्थानीय न्यूज़  वेब साईट से बात करते हुए कहा कि, “मैं और मेरा दोस्त गौरव अपने घर लौट रहे थे. मैं अपनी बहन से फोन पर बात कर रहा था. जब हम मोलाद बैंड इलाके में पहुँचे तो दो युवकों ने गौरव को पीछे से आवाज़ दी और उधर आने को कहा. हम उनके पास गए. उन्होंने हमसे हाथ मिलाया और हमारा फोन लिया. फिर वे हमें पास वाली गली में ले गए. जब हमने अपने फोन वापस करने के लिए कहा तो उन्होंने ब्लेड निकाल लिए और हमारे गले पर रखकर हमें अपना सामान उनके हवाले करने के लिए कहा.”

साजिद ने बताया कि,”उन्होंने मेरी छाती पर लात मारी तो मैंने तकलीफ में ‘अल्लाह’ कहा. तभी उनमें से एक ने कहा,”यह तो मुल्ला है, एक मुसलमान है, इसे मार डालो.” वे गौरव को मुझसे दूर ले गए उसके बाद हमलावर में से एक ने बोला कि तुम्हारा दोस्त भाग गया है.

साजिद के अनुसार, वहां हमलावरों के साथ भीड़ भी शामिल हो गयी थी. “हमलावरों ने एक ऑटो रिक्शा लिया और मुझे जैतपुर के दूसरी छोर पर ले गए और एक गुरुद्वारे के पास रोका. लगभग पच्चीस लोग वहां रहे होंगें. वे मुझे जंजीरों से और रॉड से पीटने लगे. उनमे से कुछ लोग तलवारें लहरा रहे थे. वे चिल्लाते हुए कह रहे थे कि यह जानवर है इसे मार डालो.”

साजिद ने बताया कि वे मेरा वीडियो बना रहे थे और उसे वायरल भी कर दिया. दहशत पैदा करने के लिए उन्होंने साजिद की धार्मिक भावनाओं को आहत करने की कोशिश की. उनके अनुसार हमलावरों में से एक ने कहा, सुअर का मांस लाओ और उसे खाने के लिए मजबूर करो, उसकी दाढ़ी काटो, उसके मुंह में पेशाब करो.

अचानक दिखाई दिया चमत्कार और मानवता का पहलू

हालाँकि, जब साजिद के जीवित बचने की उम्मीद ख़त्म होने लगी तो अचानक चमत्कार और मानवता का पहलू दिखाई दिया.

साजिद के दोस्त गौरव जो पिटने से बच गया था, उसने अपने परिवार को इस घटना की जानकारी दी. यह जानने पर कि भीड़ द्वारा साजिद पर हमला किया जा रहा है गौरव की माँ और दादी हमले की जगह पर तुरंत पहुंची और बीच-बचाव कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया जिससे साजिद की जान बच गई.

साजिद ने कहा कि, वह मेरे दोस्त गौरव की माँ और दादी थीं जिन्होंने मेरी जान बचाई. अगर वो मुझे बचाने के लिए समय पर नहीं आते तो हमलावरों द्वारा मैं मार दिया जाता. क्योंकि वे मुझे खत्म करने के लिए पीर बाबा‘ (पास के एक स्थान) में ले जाने की योजना बना रहे थे, “

घटना वाले दिन साजिद की माँ को दो फोन आये 

साजिद की माँ को घटना के बाद एक फोन आया और घटना का पता चला. उन्होंने बताया, “मुझे उस रात लगभग पांच मिनट में दो फोन कॉल आए. पहला फोन कॉल दुकान के मालिक द्वारा किया गया था जहाँ साजिद काम करता है और दूसरा पुलिसकर्मी का था. दोनों ने मुझे बताया कि साजिद बुरी तरह से घायल हो गया और उसे एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया है. हम वहाँ पहुँचे. वह व्हील चेयर पर था. उसके मुंह और नाक से काफी खून बह रहा था. मैं अपने बेटे के लिए न्याय चाहती हूं और ये कहना चाहती हूं कि जिस तरह से मेरे बेटे पर हमला किया गया है इस प्रकार किसी को भी निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए.”

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भीड़ के हमले का शिकार हुआ घायल साजिद 

साजिद की माँ आगे कहती हैं, “मेरा बेटा बहुत डरा हुआ है. वह मौत के मुंह से बाहर आया है. रात में उसका डर और बढ़ जाता है. हम उसे अकेला नहीं छोड़ सकते क्योंकि वह परेशान हो जाता है. जब वह दरवाज़े के पास आकर बाहर देखता है तो वह हमें बताता है कि वो उसे डरा रहे हैं. हम उसकी वजह से पूरी रात नहीं सोते हैं. उनके मन में घबराहट है.”

हमले के बारे में विस्तार से बताते हुए साजिद की माँ ने कहा,मेरा बेटा नींद के दौरान चिल्लाता है और ये कहता है कि मैं नहीं हूँमैं नहीं हूँमैंने कुछ नहीं किया है. तब हम उसे होश में लाने की कोशिश करते हैं और बताते हैं कि कुछ भी नहीं हुआ. उसके सीने में दर्द है.”

साजिद अपने माता-पिता का इकलौता बेटा है और 8000 रुपये प्रति माह कमाता है. जिससे उसके परिवार का खर्च चलता है उनके पिता का नाम लियाकत है और वह लोहार हैं. साजिद की दो छोटी बहनें भी हैं. यह परिवार आर्थिक रूप से कमज़ोर है |
अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हमलों में तेज़ी

23 मई के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हमलों में तेज़ी से वृद्धि हुई है विशेष रूप से जब लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित किए गए और भारतीय जनता पार्टी विजयी हुई. दिल्ली में साजिद पर हमले को इसी नजरिए से देखा जा सकता है.

यह एक विडंबना है कि संसद के सेंट्रल हॉल में 25 मई को प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बावजूद ये हमले हुए हैं जिस भाषण में उन्होंने कहा था कि चुनावी लाभ के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा इस देश के अल्पसंख्यकों को धोखा दिया गया और गुमराह किया गया है. भाजपा को उनका विश्वास जीतना चाहिए.

  • 22 मई, 2019 को मध्य प्रदेश के सिवनी में कथित रूप से गोमांस ले जाने के आरोप में एक मुस्लिम दंपति और उनके हिंदू दोस्त पर गौरक्षकों द्वारा जानलेवा हमला किया गया और जय श्री राम बोलने के लिए मजबूर किया गया. तीन लोगों को पुलिस ने उसी दिन गिरफ्तार कर लिया था. मारपीट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने पांचों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया.
  • 25 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को बताया कि अल्पसंख्यकों को दशकों तक चुनावी लाभ के लिए डर में रखा गया था और अपने एनडीए के सहयोगियों से उनका विश्वास जीतने के लिए कहा था. राष्ट्रीय राजधानी से मात्र 2 घंटे की दूरी पर भाजपा शासित हरियाणा के गुरुग्राम में एक मुस्लिम युवक के साथ कथित तौर पर मारपीट की घटना सामने आयी. 25साल का मुस्लिम युवक मोहम्मद बरकत जब रमज़ान में रात की नमाज़ के बाद घर लौट रहा था तो न केवल उसे मारा गया बल्कि गुंडों द्वारा उसकी टोपी उतार ली गयी और जय श्री राम बोलने के लिए भी कहा गया.
  • 25 मई को, रायपुर (छत्तीसगढ़) के गोकुल नगर इलाके में तीन ‘गौ रक्षक’ एक मुस्लिम स्वामित्व वाली डेयरी में घुस गए और गोहत्या और गोमांस की बिक्री का आरोप लगाते हुए उनके साथ मारपीट की और दुकान में तोड़फोड़ की. तीनों हमलावरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. अगले दिन 50 लोगों का एक ग्रुप सड़क पर आगया और डेयरी के मालिक उस्मान कुरैशी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगा.
  • 26 मई को, मोहम्मद क़ासिम नाम के एक युवक को बेगूसराय (बिहार) में गोली मारी गई. गोली पीठ में लगी और कासिम की जान बच गयी. राजीव यादव के रूप में पहचान किए गए हमलावर ने पहले उसका नाम पूछा और फिर कहा कि उसे पाकिस्तान में रहना चाहिए. घटना जिले के चेरिया-बरियारपुर थाना अंतर्गत कुम्भी गाँव में हुई.

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