दिसम्बर 2012 में हुए निर्भया के साथ बर्बरतापूर्ण गैंगरेप के मामले में कोर्ट ने अपना आदेश सुनाया. निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में मंगलवार को अदालत में जज ने चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाए जाने का आदेश दिया, उससे कुछ ही क्षण पहले दोषियों में से एक की मां को गिड़गिड़ाते हुए देखा गया. दोषी मुकेश सिंह की मां चलकर निर्भया की मां के पास गई, और भीख मांगने के अदाज़ में उनकी साड़ी पकड़कर गिड़गिड़ा कर कहने लगी, “मेरे बेटे को माफ कर दो, मैं उसकी ज़िन्दगी की भीख मांगती हूं…” वह रोती रही, और निर्भया की मां भी. और फिर निर्भया की मां ने जवाब दिया, “मेरी भी बेटी थी… उसके साथ क्या हुआ, मैं कैसे भूल जाऊं…? मैं इंसाफ के लिए सात साल से इंतज़ार कर रही हूं…”
Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: We are waiting for the court's order on execution of death warrants. The convicts have no appeals pending now. pic.twitter.com/hJSdZSgxzL
— ANI (@ANI) January 7, 2020
हालांकि इसके बाद जज ने अदालत में शांति बनाए रखने का आदेश दिया. फैसले के बाद, निर्भया की मां ने रिपोर्टरों से कहा कि चारों दोषियों को फांसी दिए जाने से देश की महिलाओं को मज़बूती मिलेगी. उन्होंने कहा, “इस फैसले से न्यायिक व्यवस्था में लोगों का विश्वास मज़बूत होगा… हमारे लिए 22 जनवरी बड़ा दिन है… मेरी बेटी को इंसाफ मिल गया…”
फैसले को सुनते ही चारों दोषी – मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) भी रोने लगे. जज ने उनके खिलाफ डेथ वॉरंट जारी किया, जिसे 14 दिन के भीतर अमल में लाया जाना है. इसी वक्फे के दौरान वे अपने सारे कानूनी विकल्प इस्तेमाल कर सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि चारों को तिहाड़ जेल में जेल नंबर 3 में अलग-अलग कोठरियों में रखा जाएगा. वे अपने परिवार के किसी एक सदस्य से सिर्फ एक ही बार मुलाकात कर सकेंगे.
16 दिसंबर 2012 को वह जिस बस में सवार हुए थे, उनसे पहले ड्राइवर तथा क्लीनर को मिलाकर कुल छह लोग सवार थे. इसके बाद कई घंटों तक निर्भया के साथ बलात्कार किया गया, और उसे लोहे की छड़ से यातना भी दी गईं, और अंत में उसे बेहद बुरी तरह ज़ख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया गया. इसके बाद इलाज के दौरान 29 दिसंबर को निर्भया की मौत ने पूरे मुल्क को झकझोरकर रख दिया था.