बदायूं ।(जदीद न्यूज) आल इंडिया सुन्नी मिशन के संस्थापक एवं राष्ट्रीय चेयरमैन मुफ़्ती सय्यद वसीम अशरफ ने न्यूजीलैंड की मस्जिदों पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए करते हुए कहा कि 15 मार्च 2019 को न्यूज़ीलैंड के नगर ” क्राइस्ट चर्च ” की 2 मस्जिदों में जुमे की नमाज़ अदा कर रहे मुसलमानों पर एक आतंकवादी ने फायरिंग कर 50 के क़रीब निर्दोष व्यक्तियों को शहीद तथा 70 से अधिक लोगों को बुरी तरह घायल कर दिया जिसे स्वयं ऑस्ट्रेलिया की गवर्नमेंट ने भी दहशतगर्दाना कार्यवाही स्वीकार कर लिया है। परन्तु मनुवादी मीडिया इस घटना की कवरेज करने से अभी तक असमर्थ नज़र आ रहा है कारण साफ़ है कि इस में उसे मुस्लमान को आतंकवादी और इस्लाम को आतंकवाद से परिभाषित करने का अवसर नहीं मिल रहा है इस लिए उसे इस की कवरेज इतनी महत्वपूर्ण नहीं लग रही है जितनी महत्वपूर्ण इस्लाम को आतंकवादी धर्म साबित करते समय लगती है ।
ख़ुद हमारे देश के वो समस्त सम्प्रदायक न्यूज़ चैनल आज चुप्पी साधे हुए हैं जो अदालत में केस पहुँचने से पहले ही किसी भी मुस्लिम को इस्लामिक आतंकवादी घोषित कर देते हैं और केवल यहीं तक सीमित नहीं रहते बल्कि आनन् फ़ानन उसे किसी ना किसी आतंकवादी संगठन का सदस्य भी घोषित कर देते हैं।
यह भी कितनी आश्चर्य जनक बात है कि एक क्रिश्चियन आतंकवादी गाड़ी भर नए हथियारों के साथ 30 मिनट तक 2 अलग अलग मस्जिदों पर गोलियां एवं चलाता रहा और स्थानीय पुलिस को उसकी भनक तक नहीं लगी जब कि वायरल वीडियो क्लिप के अनुसार उसने मस्जिद के बाहर भी काफ़ी देर तक फायरिंग की थी
क्या न्यूज़ीलैंड पुलिस को किसी ने खबर नहीं दी? क्या किसी को भी यह शोर सुनाई नहीं दिया?
यहाँ यह प्र्शन भी उभरता है कि आख़िर उक्त क्रिश्चियन आतंकवादी के पास इतने सारे घातक हथियार कहाँ से आये?
कहीं ऐसा तो नहीं कि कोई अन्य देश न्यूज़ीलैंड में अशांति फैलाने का प्रयास कर रहा हो जिस के द्वारा आतंकवादियों को हथियार सप्लाई किए जा रहे हों?
वो तो यूँ कहिए कि ख़ैर हो गई कि हमला मस्जिदों पर हुआ है अगर यही हमला किसी अन्य धर्म की इबादत गाह पर हुआ होता तो अब तक किसी न किसी मुस्लिम देश को दोषी ठहरा कर उस पर जंग थोप दी गई होती जैसा कि गत वर्षों में कई मुस्लिम देशों के साथ किया भी जा चुका है।
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