बछवाडा़ (बेगूसराय): प्रखंड मुख्यालय के रानी एक पंचायत के वार्ड संख्या 10 स्थित दलित बस्ती में तीन युनिट अजूबा शौचालय का निर्माण कराया गया है। जिसमें शौच के लिए पानी ले जाने के दस से पंद्रह फिट बांस के सहारे उंचाई पर चढना पड़ता है। माजरा यह है कि शौचालय निर्माण हेतु जागरुकता के क्रम में प्रखंड कर्मियों ने इस मुहल्ले के लोगों की नाकों में दम कर रखा था। इस क्रम में दलित मुहल्ले की मीना देवी पति सुनील मल्लिक, चमचम देवी पति सिकंदर मल्लिक एवं मीरा देवी पति शंकर मल्लिक असमर्थता जाहिर करते हुए उपलब्ध जमीन में दस से पंद्रह फिट गहरे गड्ढे होने की बात बताई । मगर फिर भी कर्मीयों नें निर्माण कार्य कराने हेतु दबाव कायम रखते हुए निर्माण कार्य कराने के उपरांत गड्ढे भराई के लिए मनरेगा द्वारा मिट्टी भराई का अश्वासन भी दिया था।

महाजनों से कर्ज लेकर करीब एक लाख रूपए की लागत पर तीनों लाभार्तियों ने छ:माह पूर्व निर्माण को पूरा करा लिया। बावजूद इसके अब तक लोहिया स्वच्छता अभियान के अंतर्गत दिए जाने वाले बारह हजार रूपए से भी वंचित हैं। इतना हीं नहीं प्रखंड कर्मीयों के अश्वासन के अनुसार लाभार्थियों नें शौचालय निर्माण निर्मित भूमि पर मिट्टी भराई हेतु कई बार बीडीओ बछवाडा़ से मिलने पहुंची मगर हर बार नतीजा ढाक के तीन पात रहा।

पदाधिकारियों की लापरवाही, स्वच्छता अभियान के अंतर्गत बनाए गये शौचालय बेकार, जनता बेहाल
सीढ़ी चढ़ शौच को जाते ग्रामीण

गौरतलब है कि दलित, महादलित एवं सभी बीपीएल परिवारों को मनरेगा अंतर्गत निजी भूमि पर गड्ढे की भराई किऐ जाने का प्रावधान है लेकिन लाभुक कई बार प्रखंड विकास पदाधिकारी समेत मनरेगा कार्यालय का चक्कर लगाते लगाते थक चुके है लेकिन आज तक कोई पदाधिकारी ने उनकी एक नही सुनी और उनसे किया वादा आज तक पूरा नहीं किया। लाभार्थियों में से एक चमचम देवी के पति पूर्व वार्ड सदस्य शंकर मल्लिक ने बताया रानी एक पंचायत को ओडीएफ घोषित किये जाने के नाम पर जल्दबाजी में जनप्रतिनिधि के दबाब में कर्ज लेकर शौचालय का निर्माण करा लिया लेकिन खाते में अभी तक रुपया नहीं आया है। जिसके कारण करीब छः माह से प्रखंड कार्यालय से लेकर बैंक का चक्कर लगा रहे है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में 15 फिट बांस की सीढ़ी सहारे शौच के लिए जाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि अगर समय रहते मनरेगा से मिट्टी भराई का काम नहीं किया गया तो वर्षा में तैरकर शौच के लिए जाना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि हम पुरुष लोग सीढ़ी के सहारेएवं पानी में तैरकर भी शौचालय का उपयोग कर लेगे लेकिन घर के बच्चे और महिलाओ को खुले में शौच करने की विवशता बनी रहेगी। इस प्रकार पदाधिकारियों की उदासीनता के कारण लोहिया स्वच्छता अभियान असफल साबित हो रहा है। प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉ विमल कुमार ने बताया कि मिट्टी भराई का काम मनरेगा विभाग का है उन्होंने बताया कि शौचालय की राशि लाभुक के खाते में जल्द भेज दी जाएगी।

रानी एक पंचायत के पंसस सदस्या प्रतिमा कुमारी ने बताया कि गड्ढे में मिट्टी भराई हेतु मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी से मिट्टीकारण की समस्याओं से अवगत कराया मगर अधिकारी द्वारा कोई पहल नहीं किया गया है। मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी मिलन कुमार ने बताया कि मामला हमारे संज्ञान में नहीं है जाँच के बाद करवाई की जाएगी।

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