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राजस्थान: अप्रैल 2017 में अलवर के डेयरी किसान पेहलू खान को एक ट्रक से बाहर खींच कर भीड़ ने उस पर हमला कर दिया, क्योकि वह एक मेले से मवेशियों को खरीद कर ले जा रहा था। जयपुर-दिल्ली राजमार्ग पर गौ-रक्षकों की भीड़ द्वारा उस पर हमला किया गया था। 55 वर्षीय पहलू की अस्पताल में मौक़े पर ही मौत हो गई।

दो साल पहले जिन लोगों को पेहलू खान को गर्दन से पकड़ कर उसे जमीन पर फेंकते और उसे लात मारते हुए देखा गया था आज राजस्थान की एक अदालत ने संदेह के लाभ में उन सभी को बरी कर दिया गया है।

सभी छह आरोपियों का मोबाईल कैमरा पर पकड़ा गया था, लेकिन अलवर की एक अदालत ने कहा कि वीडियो उनकी उपस्थिति को स्थापित करने के लिए पर्याप्त नहीं है।

जज के “दोषी नहीं” कहने के कुछ क्षण बाद ही कोर्ट रूम के बाहर इंतजार कर रहे आरोपियों के समर्थक “भारत माता की जय” के नारे लगाने लगे।

लोगों को परेशान करने वाले हमले का वीडियो जोकि वायरल हुआ था उसी ने पुलिस को कुछ आरोपियों को पहचानने और गिरफ्तार करने में मदद की थी।

बचाव पक्ष के वकील हुकुम चंद शर्मा के मुताबिक पहलू खान ने अपने शुरुआती बयानों में पुलिस दिए गए अपने बयान में अपने हमलावरों का नाम नहीं बताया था। जिस व्यक्ति ने अपने मोबाइल फोन पर बर्बर हमले का वीडियो रिकॉर्ड किया था उसने अदालत में गवाही नहीं दी ।

मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गई थीं, पहली हमलावरों के खिलाफ और दूसरी पहलु खान और उसके बेटों के खिलाफ बिना अनुमति राजस्थान से दूसरे राज्य में मवेशियों को ले जाने के आरोप में। पहलु खान ने जयपुर के एक मेले से मवेशी खरीदे थे और हरियाणा में अपने गांव लौट रहा था। उसकी हत्या के नौ आरोपी लोगों में से तीन कम उम्र के थे। वे जमानत पर बाहर हो गए हैं।

2017 में राजस्थान पुलिस ने छह लोगों को क्लीन चिट दे दी थी जिनका नाम पहलु खान ने मरने से पहले अपने बयान में   बताया था, उन्होंने कहा था कि वे हमले के स्थान पर नहीं थे लेकिन इससे कुछ किलोमीटर दूर थे।

आरोपों से मुक्त होने वालों में 19 वर्षीय विपिन यादव हैं जिन्होंने एनडीटीवी द्वारा किये गये स्टिंग आपरेशन में इस बात पर गर्व होने की बात कही थी और उसने बताया कि कैसे पहलु खान की पिटाई में उसने भीड़ का नेतृत्व भी किया।

एनडीटीवी के स्टिंग वीडियो को सबूत के रूप में पेश करने का पेहलू खान के वकील का अनुरोध भी ट्रायल कोर्ट ने  अस्वीकार कर दिया गया था। पहलु खान की लिंचिंग इस बात की गवाह है कि किस तरह से गौ रक्षकों ने उसकी जान ली और उसके साथ सिस्टम ने नाइंसाफी की कि नुसे मौत के बाद भी इन्साफ नही मिला।

राजस्थान सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि राज्य सरकार बुधवार के अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करेगी।

याद रहे इस केस की सुनवाई के दौरान पहलू खान के बेटों पर भी हमला किया गया था।

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