राकेश कु० यादव

बछवाडा़ (बेगूसराय) थाने की पुलिस जब जनता के द्वारा चुने प्रधानों की रक्षा करने में भी सक्षम नहीं हो, तो आम लोगों के लिए बनें “पब्लिक पिपुल्स फेंडली” का नारा सुशासन बेईमानी सी लगने लगती है। इसका जीता-जागता प्रमाण तब सामने आया जब बिहार सरकार के मुख्य सलाहकार अंजनी कुमार सिंह के गृह प्रखंड बछवाडा़, पुर्व मुखिया के द्वारा प्राण रक्षा की गुहार लगाने के बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ रखे आगामी घटना का इंतजार करते देखी गयी। बीते 01 मई को गोधना पंचायत के पुर्व मुखिया राजीव कुमार चौधरी ने अपने साथ हुए वारदात एवं जानलेवा प्रयास की जानकारी देते हुए थानाध्यक्ष को आवेदन देकर प्राण रक्षा की गुहार लगायी। मगर घटना के चार दिनों बाद भी पुलिस किसी प्रकार की कार्यवाई करना तो दुर आवेदन को पढकर संज्ञान लेना भी मुनासिब नहीं समझा है। पुर्व मुखिया ने बताया कि गरिब विरोधी तबके के लोगों द्वारा मेरी हत्या करने के उद्देश्य से तरह-तरह की साजिश रची जा रही है। साजिश के इसी कड़ी में हमारे अनुपस्थिति में हीं अपराधियों को हमारे चारदीवारी के अंदर प्रवेश में सहायक सिद्धि के उद्देश्य से चारदीवारी से सटाकर बाहरी भाग में पोल गारने का दबाव बिजली मिस्त्री पर बनाकर गरवा दिया। मेरी लिखित शिकायत पर जब मिस्त्री चारदीवारी के अंदर से पोल गिराने पहुंचा तो तेजनारायण चौधरी, राजन चौधरी एवं एक अन्य युवक बिजली मिस्त्री की बेरहमी से पिटाई करने लगे। पुर्व मुखिया जब समाजिकता के हैसियत से बीच बचाव करने का प्रयास किया तो उपरोक्त लोगों नें पिस्तौल लेकर पुर्व मुखिया पर हमला बोल दिया। एक घर में घुस कर पुर्व मुखिया नें अपनी जान बचाई। पुर्व मुखिया ने कहा कि समय रहते पुलिस अगर उपरोक्त लोगों पर कार्यवाई नहीं करती है, तो शत-प्रतिशत मेरी हत्या हो जाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here