आसिम खान ने आरोप लगाया, “भाजपा की सरकार ने इस देश के प्रखर वक्ता और एक महान शिक्षाविद धर्मनिरपेक्ष नेता के विरुद्ध ऐसा षडयंत्र रचा की उन्हें सैकड़ों मुक़दमों में फंसा कर उन्हें उनके ही गृह जनपद में उनको प्रशासन के द्वारा अपमानित करवा रही है”.

भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने रामपुर में सांसद मोहम्मद आज़म खान को और उनके पारिवारिक सदस्यों का नाम ले लेकर माईक से डुगडुगी बजवाई जा रही है. क्या इस तरह का अपमान किसी दूसरे धर्मनिरपेक्ष नेताओं का हो रहा है?
मोहम्मद आज़म खान का बस इतना ही क़सूर है कि उन्होंने ग़रीबों के लिए,यतीमों के लिए बेसहारा लोगों के लिए,और गरीबों के बच्चों के पढने के लिए मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को खोल दिया ?
ग़रीबों के हाथ से झाड़ू छीनकर कलम पकड़वा दिया यही क़सूर है?

उन्होंने सवाल करते हुए पूछा
(1)क्या इस सरकार ने सूश्री मायावती पर इस तरह का मुकदमा लिखवाया उनको इस प्रकार अपमानित प्रताड़ित किया ?
(2)क्या इस सरकार के द्वारा नेताजी पर मुक़द्दमों की बौछार हुई, इस प्रकार का अपमान और प्रताड़ना उन्हें झेलना पड़ा?
(3)क्या सोनिया गांधी पर मुक़द्दमों का हथौड़ा चला कर उन्हें भी इस प्रकार प्रताड़ित किया ?
(4)क्या राहुल गांधी पर भी सैकड़ों मुक़द्दमें लिखकर उनका उत्पीड़न हुआ ?

“नहीं, मगर हाँ जो सरकार की आँख में आँखें डाल कर विरोध करता था उसको इस सरकार ने अपमानित करने में तनिक भी कसर नहीं छोड़ा सरकार के सामने ना झुकने वाले माननीय लालू प्रसाद यादव जी और मोहम्मद आज़म खान ने धर्मनिरपेक्षता के लिए सबसे अधिक क़ीमत चुकाई है और अपमान का घूंट पिया.

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