वाशिंगटन: बीजेपी की प्रचंड जीत पर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की थी. डोनाल्ड ट्रंप अक्सर भारत की तारीफ करते रहे हैं, लेकिन अब एक हैरानी मेें डालने वाली खबर आ रही है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जीएसपी व्यापार कार्यक्रम के तहत भारत को प्राप्त लाभार्थी विकासशील देश का दर्जा खत्म कर दिया है. उन्होंने कहा कि भारत ने अमेरिका को अपने बाजार तक समान और तर्कपूर्ण पहुंच देने का आश्वासन नहीं दिया है.
दूसरी बार प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी को अमेरिका ने बहुत बडा झटका दिया है.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा कि भारत को मिलने वाले जीएसपी दर्जे को खत्म करने के फैसले से अमेरिका पीछे नहीं हटेगा. जीएसपी अमेरिका की ओर से दूसरे देशों को बिजनेस में दी जाने वाली छूट की सबसे पुरानी और बड़ी प्रणाली है. इसका लक्ष्य लाभार्थी देश के हजारों उत्पादों को बिना शुल्क प्रवेश की अनुमति देकर आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है जीएसपी के तहत दर्जा पाने वाले देशों को हजारों सामान बिना किसी टेक्स के अमेरिका को एक्सपोर्ट करने की छूट मिलती है. व्हाइट हाउस की और से घोषणा के मुताबिक भारत का जीएसपी दर्जा 5 जून 2019 को खत्म हो जाएगा.
ट्रंप ने चार मार्च को इस बात की घोषणा की थी कि वह जीएसपी प्रोग्राम से भारत को बाहर करने वाले हैं. इसके बाद 60 दिनों की नोटिस अवधि तीन मई को खत्म हो गई. हाल ही में ट्रंप ने कहा कि भारत ने अब तक यह आश्वासन नहीं दिया है कि वह अपने बाजारों में अमेरिका को बेहतर पहुंच देगा. एक अमेरिकी अफसर ने बताया, ”पिछले एक साल से भारतीय अफसरों के साथ जारी बातचीत के बाद आखिरकार मार्च में हमें यह ऐलान करना पड़ा कि भारत को अब जीएसपी दर्जा पाने वाले देशों की सूची से बाहर कर दिया जाए”.
ट्रंप ने शुक्रवार को कहा, “मैंने यह तय किया है कि भारत ने अमेरिका को अपने बाजार तक समान और तर्कपूर्ण पहुंच देने का आश्वासन नहीं दिया है. तदनुसार, 5 जून, 2019 से भारत को प्राप्त लाभार्थी विकासशील देश का दर्जा समाप्त करना बिल्कुल सही है”. सांसदों का कहना था कि इस कदम से अमेरिकी उद्योगपतियों को प्रतिवर्ष 30 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त शुल्क देना होगा मगर ट्रंप ने किसी की बात नही मानी और सभी सांसदों की अपील ठुकराते हुए भारत के खिलाफ़ यह कठोर फैसला लिया है.
उन्होंने कहा, ”भारत का जीएसपी दर्जा पाए देशों की सूची से बाहर होना तय है. अब देखना यह है कि हम आगे कैसे बढ़ते हैं, आगे का रास्ता ढूंढने के लिए हम मोदी सरकार के साथ किस तरह से काम कर पाते हैं?” हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत ने अमेरिकी कंपनियों को अपने बाजारों में सही और समान की पहुंच दी तो जीएसपी का फायदा बहाल किया जा सकता है. साल 2017 में भारत को अन्य देशों की तुलना में जीएसपी का सबसे ज्यादा फायदा मिला था. उस दौरान भारत ने इसके तहत अमेरिका को 5.7 अरब डॉलर का सामान एक्सपोर्ट किया था.