रामपुर (जदीद न्यूज़ )l राजकीय रज़ा स्नातकोत्तर महाविद्यालय में IQAC के तत्वावधान में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में “कौशल विकास एवं औद्योगिक क्षेत्र
में समन्वय” विषय पर एक दिवसीय ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में डॉ वंदना शर्मा निदेशक उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश रही।सरस्वती वंदना के द्वारा वेबीनार का शुभारंभ हुआ, उद्घाटन सत्र में प्राचार्य डॉ०पीके वार्ष्णेय ने सभी अतिथि वक्ताओं का स्वागत कर वेबीनार के विषय पर संछिप्त प्रकाश डाला एवं कहा की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भावी पीढ़ी को पुष्पित एवं पलवित करने में सहयोग प्रदान करेगी एवं शिक्षा तथा उद्योग को जोड़ने में प्रासंगिक भूमिका निभाएगी।युवाओं को राष्ट्र के विकास के लिए उत्प्रेरित करने में नई शिक्षा नीति में राष्ट्रीय बजट का 6% व्यय किए जाने की संस्तुति की गई है जिससे नई पीढ़ी का रुचि के अनुसार कौशल विकास द्वारा सर्वांगीण विकास किया जा सकेगा।
डॉ पी एन डोंगरे ने नई शिक्षा नीति एवं कौशल विकास पर प्रकाश डालते हुए कहा की क्षेत्रीय उत्पादन इकाइयों जैसे मशरूम कृषि खाद्य सामग्री निर्माण,कंप्यूटर लिटरेसी,महिला सशक्तिकरण एवं जैविक खेती आदि से उच्च शिक्षा को जोड़कर बेहतर युवाओं का निर्माण किया जा सकता है।कलाकृति निर्माण एवं सोशल एंटरप्रेन्योरशिप पर फोकस के द्वारा संस्थाओं का समन्वय करने पर बल देकर नई शिक्षा नीति को प्रभावी बनाया जा सकता है।
डॉ एके सक्सेना ने कहा कि उच्च शिक्षा राष्ट्र के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती है लेकिन देखने में आ रहा था की ग्लोबल स्तर के कुशल युवाओं का निर्माण हमारी उच्च शिक्षा नहीं कर पा रही है।केवल 2.3 भारतीय युवा ही कौशल युक्त हैं पश्चिमी देशों की तुलना में यह अनुपात अत्यधिक कम है।उद्योग एवं शिक्षा में मांग एवं पूर्ति के संतुलन द्वारा नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को प्रभावकारी बनाया जा सकता है शैक्षिक संस्थाएं एवं उद्योगों के मध्य समन्वय की कमी के कारण नियोजित विकास संभव नहीं हो पा रहा था अतः लॉन्ग टर्म लाभ हेतु नई शिक्षा नीति में उद्योगों एवं शिक्षा संस्थाओं के संबंध पर बल दिया जा रहा है।शिक्षा पाठ्यचर्या में नेबरिंग उद्योगों में एंटरप्रेन्योरशिप को अनिवार्य रूप से लागू किया जाए एवं टेक्नोलॉजी ट्रांसफर में रॉयल्टी टैक्स आदि को समाप्त कर दिया जाना चाहिए।
टी यू मुनींद्र ने कहा उच्च शिक्षा में केवल 1% छात्र ही व्यवसाय कौशल की शिक्षा ग्रहण करते हैं,भारतीय उच्च शिक्षा कौशल विकास से अत्यधिक दूर है जबकि दक्षिण कोरिया में 96% जनसंख्या स्किल्ड है।उच्च शिक्षा में युवाओं को अध्ययन अवधि में उत्पादन अनुभव प्रदान नहीं किया जाता है जिस कारण युवा बड़ी डिग्रियां प्राप्त करने के उपरांत भी बेरोजगार रहते हैं उच्च शिक्षा सैद्धांतिक होने के साथ उत्पादन कौशल के विकास पर बल नहीं दे पा रही थी।नई शिक्षा नीति में कक्षा 6 से ही उत्पादन कौशलों पर आधारित अनुभव बालक को दिए जाने की बात कही गई है।रामपुर जनपद की स्थानीय व्यवसाय की दक्षताओं को ध्यान में रखकर शिक्षा आयोजित हो जैसे पतंग निर्माण आदि शिक्षा एवं स्थानीय आवश्यकताओं में समन्वय कर नवाचार पर बल देकर उच्च शिक्षा को सार्थक बनाया जा सकता है।प्रतिष्ठित विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस भारत मे स्थापित होने से भारतीय विदेशी मुद्रा की बचत होगी एवं भारत में ही अंतरराष्ट्रीय स्तर के उत्पादन कौशलों का विकास उच्च शिक्षा में हो पाएगा।भारत विविधताओं से भरा हुआ है शिक्षा एवं क्षेत्रीय हुनर के समन्वय से आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को नई शिक्षा नीति के द्वारा मूर्त रूप प्रदान किया जा सकता है।
डॉ वंदना शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति से श्रेष्ठ नागरिक तैयार होंगे,श्रेष्ठ नागरिकों से ही श्रेष्ठ राष्ट्र का निर्माण होता है।नई शताब्दी सूचना संचार तकनीकी क्रांति की शताब्दी हैं।कौशल विकास से जुड़ते हुए नई शिक्षा नीति परिवर्तनों के साथ बेहतर परिणाम प्रदान करेगी।
डॉ राजेश प्रकाश ने नई शिक्षा नीति की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा की नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन में अध्यापकों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी अतः अध्यापकों को नवाचार एवं शिक्षण कौशलों के विकास के द्वारा नई शिक्षा पद्धति के क्रियान्वयन में महती भूमिका निभानी है।
डॉ दिनेश सी शर्मा ने कहा कि विषय आधारित ज्ञान के साथ-साथ क्षेत्रीय आवश्यकताओं पर आधारित कौशलों का विकास नई शिक्षा नीति का मुख्य फोकस है।नए माइंडसेट के साथ नई शिक्षा नीति का सफल क्रियान्वयन करके शिक्षा एवं उद्योग क्षेत्र के मध्य सफल समन्वय स्थापित किया जा सकेगा।
इस वर्चुअल कान्फ्रेंस का आयोजन ऑनलाइन संचालन डॉ बेबी तबस्सुम के निर्देशन में हुआ। तथा डॉ प्रिया बजाज के द्वारा मुख्य अतिथि,प्राचार्य,अतिथि वक्तागण,मीडिया बंधुओं एवं सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया गया।
एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में अतिथि वक्ताओं के रूप में डॉक्टर बी एन डोंगरे प्राचार्य केएमजी पीजी कॉलेज ज्ञानपुर, डॉ ए के सक्सेना सेवानिवृत्त एसो प्रोफेसर जंतु विज्ञान,डॉ बी एल शर्माअसिस्टेंट डायरेक्टर उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश,डॉ डीसी शर्मा एसोसिएट प्रोफेसर जंतु विज्ञान बादलपुर,डॉ वंदना शर्मा एसोसिएट प्रोफेसर राजनीति विज्ञान बरेली,डॉ राजेश प्रकाश क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी बरेली मंडल,डॉ टीयू मुनेंद्र असिस्टेंट डायरेक्टर ऑफिशियल लैंग्वेज त्रिपुरा विश्वविद्यालय अगरतला एवं इंद्रपाल सिंह प्रोजेक्ट मैनेजर रेडिको खेतान लिमिटेड के अलावा सभी अध्यापक भी मौजूद रहे।मीडिया प्रभारी डॉ प्रदीप कुमार ने बताया कि वेबिनार सार्थक एवं उपयोगी रहा तथा कर्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान की धुन के साथ हुआ।