रामपुर में स्थापित होगी भारत की पहली एयरक्रीट फैक्ट्री।विश्व स्तरीय इमारतों का सपना साकार करेगी मोदी एयरक्रीट फैक्ट्री।
विशेष तकनीक द्वारा सीमेंट,एल्यूमिनियम,रेत,चूना व पानी से बनेंगे भवन निर्माण ब्लाॅक्स और पैनर्स।
यह सस्ती,हल्की,अग्निरोधी,सीलन और कीटप्रतिरोधी होगी।
स्मार्ट सिटी की तर्ज पर रोशन होगा रामपुर का नाम।
रामपुर(मुजाहिद ख़ान):ढ़ाई सौ करोड़ (250) की लागत से रामपुर में लगने वाली मोदी एयरक्रीट फैक्ट्री भारत की पहली एयरक्रीट फैक्ट्री है।स्मार्ट सिटी की तर्ज पर अब रामपुर का नाम दुनियाभर में रोशन होगा।यह भारत में विश्वस्तरीय इमारतें बनाने का सपना साकार करेंगी।इसमें विषेष तकनीक के द्वारा सीमेंट,एल्यूमिनियम बबल्स,रेत,चूना और पानी के संयोजन से भवन निर्माण के ऐसे ब्लाॅक्स व पैनल तैयार किए जाएंगे,जो कंक्रीट की तुलना में वजन में बेहद हल्की,सस्ती,सीलन से मुक्त,अग्निरोधी और कीटप्रतिरोधी होगी।खास बात यह है कि सामग्री से कई सालों में बनने वाली इमारत कुछ ही दिनों में बनकर तैयार हो जाती है।
उद्योग की दुनिया में मोदी होल्डिंग्स के मालिक डा0 भूपेन्द्र कुमार मोदी हमेशा नई क्रांति लाए है।उन्होंने मोदी रबड़ के रूप में पहली इंडो-इंटरनेशनल तकनीक की शुरूआत की।रामपुर में भारत की पहली मोदी जीराॅक्स फैक्ट्री,पीसी और फलाॅपी डिस्क बनाने वाली पहली फैक्ट्री मोदी ओलिविटी खोली।इसके अलावा भारत में पहली सेलुलर सेवा मोदी टेल्सट्रा,स्पाइस कम्यूनीकेशन आदि की शुरूआत की।अब डॉ भूपेंद्र मोदी रामपुर में फिर से विकास की लहर लाने को प्रयासरत हैं।
पिछले दिनों हैलीकाॅप्टर से रामपुर आए और यहां 12.50 एकड़ की फ्री-होल्ड जमीन भारत की प्रथम मोदी एयरक्रीट फैक्ट्री स्थापित करने की घोषणा की।उन्होंने इसको जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाने के लिए दिल्ली व रामपुर की टीम को कार्यदायित्व सौंपा है।वहीं टीम ने इसे साकार करने के लिए संबंधित विभागों से सम्पर्क कर कार्यवाही शुरू कर दी है।
एयरक्रीट 1942 में अस्तित्व में आई एक विदेशी तकनीक है।जिसकी शुरूआत आस्ट्रेलिया की कंपनी द्वारा की गई।यह बेहद सफल होने के कारण विदेशों में काफी प्रचलित होने लगी।आज विदेशों में भवन निर्माण के लिए इसी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
भारत में इस तकनीक के साथ डा0 भूपेन्द्र कुमार मोदी रामपुर में देश की पहली एयरक्रीट फैक्ट्री स्थापित करने जा रहे है।इस फैक्ट्री में रेत,चूना,पानी,एल्यूमिनियम बबल्स और सीमेंट के मिश्रण से एएसी यानी आटोक्लेव्ड ऐेरेटेड ब्लाक्स तैयार किये जाएंगे।इसमें आधुनिकतम मशाीनों के माध्यम से सीमेंट,मिट्टी,चूना और पानी को मिलाकर पैनल और ब्लाक्स बनाए जाते है।इन पैनल में बीच में एल्यूमिनियम बबल्स को डाला जाता है,जिससे यह बहुत मजबूत और वजन में हल्के बनते हैं।
इन ब्लाक्स व पैनल को असेम्बल करके कम से कम समय में मजबूत,टिकाऊ इमारतों को बनाया जा सकता है।इससे निर्मित भवन लंबे समय तक बने रहते हैं।भवन निर्माण की दिशा में यह एक क्रांतिकारी पहल होगी।
इस सामग्री से बनाई गई इमारतों में सीलन की समस्या नहीं होगी और न ही फफूंदी व दीमक लगेगी।इमारत के कमरों में हीटिंग और कूलिंग लोड कम होता है,जो तापमान को नियंत्रित करता है।खास बात यह है कि ये ब्लाक्स वजन में पारम्परिक ब्लाॅक की तुलना में तीन गुना तक हल्के होते हैं।इसको उठाना आसान है,जिससे परिवहन व श्रम शुल्क पर भी कम खर्च होता है।
पर्यावरण की दृष्टि से भी ये ब्लाक्स काफी अनुकूल है,क्योंकि इसके निर्माण में 50 प्रतिशत कम ग्रीन हाउस गैसों का और 30 प्रतिशत कम ठोस कचरे का उत्सर्जन होता है।आग का जोखिम भी इनमें न के बराबर है,क्योंकि इसमें अग्निरोधी सामग्री का उपयोग होता है।ये ब्लाक्स न ही सड़ते है और न ही खराब होते हैं।इनमें दीमक और आम घरेलू कीटों से होने वाले नुकसान की भी चिंता नहीं होती है।
मजबूती में भी ये ब्लाक्स अत्यंत बेजोड़ है।यह आसानी से नहीं टूटते और लंबे समय तक अपने स्थान पर बने रहते है।बची हुई सामग्री को आसानी से रीसाइकिल भी किया जा सकता है।
एयरक्रीट ब्लाॅक्स का इस्तेमाल घर बनाने के अलावा काॅमशियल उंची इमारत बनाने में भी किया जा सकता है।भारी स्लेब बनाने के बजाए एयरक्रीट ब्लाॅक्स को तुरन्त बनाया जा सकता है।इन इमारतों में बाहर का अनावश्यक शोर अंदर नहीं आता और माहौल शांतिप्रिय रहता है।
रामपुर में यह फैक्ट्री विकास की नई धारा प्रवाहित कर प्रदेश में रोजगार के नए विकल्प प्रदान करेगी।यह रामपुर की खुशनसीबी है कि भारत की यह पहली फैक्ट्री रामपुर में स्थापित हो रही है।आने वाले सालों में पूरे देश में रामपुर का नाम रोशन होगा।