शाहाबाद में हो रहा खुले आम खनन
शाहबाद (रामपुर) क्षेत्र में खनन माफियाओं के हौंसले इतने बुलंद है कि सड़को पर दौड़ रहे ओवरलोड डंपरो ने सड़को में इतने गहरे गड्ढे कर दिए है कि सड़क पर चलना भी लोगो के लिए दुश्वार हो गया है। लोग जान जोखिम में डालकर शाहबाद की सड़कों पर चल रहे है। जबकि सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर शाहबाद क्षेत्र की सड़कों को चकाचक कराया था, लेकिन खनन माफियाओं ने सरकार को करोड़ों रुपए की हानि पहुंचाई है।
शाहबाद रामपुर रोड से लेकर शाहबाद आंवला और शाहबाद बिलारी मार्ग इन ओवरलोड डंपरों की जद में आकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके है पीडब्ल्यूडी द्वारा रामपुर शाहबाद मार्ग में हुए गड्ढे को भरवाने का कार्य भी कराया जा रहा है। लोगो का आरोप है कि बालू से लेकर मिट्टी का खनन कर रहे इन लोगो को तहसील प्रशासन का संरक्षण प्राप्त होता है। हर जगह सेटिंग के दम पर यह लोग पूरे शहर में मिट्टी बिखेरते हुए प्रदूषण फैला रहे है तो उधर सड़को पर दौड़ रहे ओवरलोड डंपर लोगो की जान के लिए खतरा बन रहे है। मिट्टी के खनन करने वालो की तो कुछ पूछो मत अनुमति कही की होती है और मिट्टी कहीं और से मानक से भी ज्यादा उठाई जाती है। एक दिन में सौ सौ डंपर सड़को को तहस नहस कर रहे है। जबकि तहसील प्रशासन आंखे मूंद कर बैठा है। उधर बिना अनुमति दूसरी जगह से मिट्टी उठाने पर एसडीएम सुनील कुमार कहते है कि जिसने मिट्टी उठाई है उसके विरुद्ध जुर्माना लगाया जाएगा। लेकिन सवाल तो तब उठता है कि ऐसा कैसे हो जाता है कि तहसील प्रशासन की नाक के नीचे बिना अनुमति दूसरी जगह से मिट्टी उठ जाए और उसे खबर तक नहीं लगे। जब कोई शिकायतकर्ता खड़ा होता है तो उसे डरा धमकर या रोब दिखाकर बैठा दिया जाता है, और सरकार का करोड़ों का नुकसान इन ओवरलोड डंपरों की वजह से हो जाता है। इससे पहले भी डेढ़ माह पूर्व मानक से अधिक मिट्टी उठाने के कारण गहनी गांव में मिट्टी खनन से हुए गड्ढे में बरसात का पानी भर जाने के कारण गड्ढे में डूबने से पांच बच्चों की मौत हो गई थी। बच्चो की मौत के बाद भी तहसील प्रशासन की आंखे नही खुल रही हैं