सरकारी जमीन पर बनी अवैध दुकानों को लेकर  घमासान 
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शाहाबाद( रामपुर ) नगर शाहाबाद में सालों पहले निर्माण कर रख लिए थे किराएदार,
कोर्ट में विचाराधीन होने के बावजूद दबंग हथियाने में लगे हुए है,किराएदारों को जबरन कर रहे बाहर, कोतवाली पर हंगामा भी हुआ l  शाहबाद में सरकारी जमीन पर बनी अवैध दुकानों का मामला गर्मा रहा है। तहसीलदार कोर्ट में बेदखली का मुकदमा विचाराधीन है, इधर दबंग इसे कब्जा करने बेचने की फिराक में हैं। दुकानों से किराएदारों को जबरन भगाया जा रहा है। इसको लेकर एक किराएदार से दबंगों का विवाद हो गया। प्रकरण को लेकर कोतवाली पर भी हंगामा हो गया। पुलिस ने दोनों पक्षाें के लोगों का शांतिभंग में चालान कर दिया।

राजस्व विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार गाठा संख्या 1666 ख एवं 1666 ग़ जो कि राजस्व विभाग के दस्तावेजों में बंजर तथा गूल की जमीन दर्ज है 1666 क काश्तकार अख्तर अली के नाम दर्ज है। लेकिन शाहबाद के एक व्यक्ति ने वहां पर मार्केट का निर्माण वर्षों पहले कर लिया है। इस भूमि पर धारा 67 का मुकदमा तहसीलदार कोर्ट में विचाराधीन है। तथा राजस्व विभाग की ओर से अवैध रूप से उपरोक्त भूमि पर कब्जा करने के लिए 75 लाख का जुर्माना भी लगाया जा चुका है। नगर पंचायत की ओर से बंजर की भूमि पर बनी पक्की अवैध आगे की दुकाने के गिरा देने के बाद अब एक नया विवाद पनप गया। दुकानों के मालिक और किराएदार में सीसीटीवी कैमरे व फाटक लगाने और दुकानों में ताले डालने को लेकर विवाद हो गया। पहले तो मौके पर हंगामा हुआ, उसके बाद कोतवाली में भी हंगामा खड़ा कर दिया। पुलिस ने दोनों पर शांति भंग की कार्रवाई कर दी है।
नगर पंचायत और राजस्व विभाग के अनुसार शाहबाद में स्टेट बैंक शाखा के पास कुछ पक्की दुकानो का आगे का हिस्सा अवैध बना हुआ था। जिस पर बुलडोजर चलाकर उसे धराशाई कर दिया गया है, जबकि अभी कुछ हिस्सा अवैध बचा हुआ है। लेखपाल की ओर से तहसीलदार कोर्ट में धारा-67 का मुकदमा भी चल रहा है। इसी बीच सोमवार को मामला कोतवाली पहुंच गया। कोतवाली में दोंनो की जमकर नोकझोंक हो गई और हंगामा हो गया। पुलिस ने मामले को बिगड़ता हुआ देखकर दोनों का शांति भंग में कार्रवाई कर दी। एसडीएम ने पांच-पांच लाख का मुचलका भरकर जमानत दे दी।
उपरोक्त भूमि पर कुछ लोगों की नजर है और अवैध रूप से निर्माण करने के आरोपी से साठगांठ करके उपरोक्त भूमि को बेचना चाहते हैं।
राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई है कि उपरोक्त भूमि बंजर व गूल
तथा अख्तर अली के नाम दर्ज है इसलिए जो भी इस भूमि को खरीदेगी उसे बड़ा नुकसान होने की संभावना है।

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