सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से कुछ कर्मचारियो ने आरक्षण में बड़े पैमाने पर किया है घपला:मुस्तफा
क्रम संख्या में हेरफेर कर आरक्षित वार्डो को पुनः किया आरिक्षत,शासनादेश का है उल्लंघन:मुस्तफा
जिला पंचायत सदस्य के वार्ड को शासनादेशो की अनदेखी कर आरक्षण करने पर दर्ज कराई आपत्ति,शासन से की शिकायत।
रामपुर(मुजाहिद खान):पूर्व मन्त्री हाजी निसार हुसैन के पुत्र एवं किसान सेवा सहकारी समिति के चैयरमेन मुस्तफा हुसैन ने रामपुर जिला पंचायत के सदस्यो के वार्डो को शासनादेशो के अनुरूप आरक्षित न करने पर सवाल उठाते हुये अपर मुख्य सचिव पंचायती राज,राज्य निर्वाचन आयोग व जिलाधिकारी के समक्ष आपत्ति दर्ज करवाते हुये रामपुर जिला पंचायत राज विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से कुछ कर्मचारियो ने आरक्षण में बड़े पैमाने पर घपला किया है।
मुस्तफा हुसैन ने आपत्ति दर्ज करवाते हुये अवगत कराया कि आगामी त्रिस्तरीय निर्वाचन हेतु जिला पंचायत सदस्यो के आरक्षण का आवंटन करते समय प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र सैदनगर-तृतीय की क्रम सं 17 को क्रम संख्या 16 कर अनियमित रूप से अनुसूचित जाति के लिए आवंटित कर दिया गया है,जबकि पूर्ववती निर्वाचन वर्ष 2015 में जिला पंचायत रामपुर का यही प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र सैदनगर-तृतीय पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था।और पूर्ववती निर्वाचन वर्ष 2010 में यही प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित था।प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र में सम्मिलित क्षेत्र(क्षेत्र पंचायत सैदनगर के वार्ड सं0-105 से 119 तक,वार्ड सं0-78,वार्ड सं-96से 99 तक,वार्ड सं0-80, वार्ड सं0-15 से 19 तक,वार्ड सं0-28 से 29 तक है।पूर्ववती चुनावों में भी यही क्षेत्र सम्मिलित था।क्षेत्र में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।केवल क्रम संख्या में परिवर्तन कर वार्ड को आरिक्षत कर दिया गया है।जिसमें सामान्य वर्ग के व्यक्तियों के अधिकारों का घोर हनन हुआ है।
शासनादेश व प्रचलित प्रणाली के अनुसार पूर्ववती निर्वाचनों अर्थात सामान्य निर्वाचन वर्ष 1995,2000,2005,2010 तथा वर्ष 2015 में अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग के लिये आवंटित क्षेत्र को पुनः आरक्षित नहीं किया जा सकता है।ऐसे सामान्य क्षेत्र जो कभी किसी वर्ग के लिये आरक्षित नही हुये है उनको अवरोही क्रम में आरक्षित किये जाने का प्राविधान है।पूर्व निर्वाचन वर्ष 2015 से उक्त प्रादेशिक क्षेत्र के वार्ड के आरक्षण को परिवर्तित किया जाना था।लेकिन शासनादेशो की अनदेखी करते हुये उक्त क्षेत्र को अनुसूचित जाति के लिए आवंटित कर दिया गया।जबकि उक्त क्षेत्र वार्ड सामान्य वर्ग के लिए नियमानुसार आरक्षित किया जाना चाहिए था।
शासनादेश का हवाला देते हुए कहा संख्या-12/2021/324/33-3-2021-62/2020 दिनांकी 11.02.2021 के प्रस्ताव 8 प्रस्तर 8.8 के अनुसार वह प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र,जो पूर्ववती निर्वाचनों वर्ष 1995,2000,2005,2010 तथा वर्ष 2015) में,अनुसूचित जातियों को आवंटित था,वह अनुसूचित जातियों को आवंटित नहीं किया जाएगा।और जो प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र,पिछड़ा वर्ग को आवंटित था,वह पिछड़ा वर्ग को आवंटित नहीं किया जाएगा।