
सैफनी/रामपुर (जदीद न्यूज़)-: प्राचीनकाल से ही मनुष्य अपनी सभ्यता के लिए संघर्षशील रहा है। मानव विकास का इतिहास बहुत प्राचीन है। मानव अपने विकास और सभ्यता के लिए निरंतर प्रयासरत है। मानव ने नित नवीन प्रयोग कर आज चांद पर अपना परचम लहरा दिया है।आधुनिकता के इस युग मे चिकित्सा क्षेत्र, युद्ध क्षेत्र, कला क्षेत्र, साहित्य क्षेत्र, फ़िल्म क्षेत्र, आदि क्षेत्रों में अपना प्रभुत्व स्थापित किया है।
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जिसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका शिक्षा की है। समस्त प्रगतियों की आधारभूत शिला शिक्षा ही है। प्रेत्यक देश का विकास और प्रगति शिक्षा से ही संभव है।
वर्तमान में शिक्षा के क्षेत्र में भी नित नए प्रयोग किये गए जिनके आशानुरूप परिणाम भी मिले जिसके कारण समय समय पर शिक्षा नीति में आवश्यकतानुसार व्यापक बदलाव किए जाते हैं।
शिक्षा मानव परिवेश में महत्वपूर्ण अंग है। लेकिन दिसंबर 2019 में चीन के कारण सम्पूर्ण विश्व कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है। जिससे सम्पूर्ण विश्व की आर्थिक, सामाजिक, और शैक्षिक व्यवस्थाएं चरमरा गयीं।
भारत में भी कोरोना वायरस का प्रकोप रहा जिसके कारण भारत के नागरिकों का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। जैसे तैसे लोग अपना जीवन यापन कर रहें हैं। प्रेत्यक वर्ग का व्यक्ति परेशान है।
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ज्ञात है कि 01 अप्रेल 2020 से वर्तमान शैक्षिक सत्र प्रारम्भ हो चुका है। लेकिन महामारी के भय से शैक्षिक संस्थान में कक्षायें संचालित नही हो रही हैं, परंतु सामजिक दूरी व लॉक डाउन का पालन करते हुए शैक्षिक संस्थानों में नवीन कक्षाओं हेतु प्रवेश प्रांरभ है।
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सैफनी स्थित दरगाह के निकट उच्च प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 6 से 8 तक प्रवेश किये जा रहे हैं। विद्यालय में नियुक्त भूपेन्द्र सिंह (इ.स.अ),सत्यवीर सिंह (स.अ),दिग्विजय सिंह(स.अ.) अध्यापक उचित सामाजिक दूरी बनाकर लॉक डाउन का पालन करते प्रवेश कर रहे हैं। और छात्र छात्राओं को ऑनलाइन शिक्षण कार्य करा रहे हैं।
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विद्यालय की प्रभारी सहायक अध्यापक भूपेंद्र सिंह ने बताया कि हम लोग शासन की गाइड लाइन का अनुसरण करते हुए विद्यालय में प्रवेश प्रारंभ हैं परंतु कोरोना के भय से अनुकूल प्रवेश नही हो पा रहे हैं। हम लोग तीन शिक्षकों का दल है जो घर घर जा कर या मोबाइल पर सम्पर्क जारी है। उन्होंने बताया कि
विद्यालय के सौंदर्यकरण का कार्य प्रगति पर है।
आपकी लेखनी और आपके जज्बेे को सलाम ।आपने आमजनोंं की परेशानियों को उठाकर जनता का दिल जीत लिया है ।धन्यवाद
सिंह साहब ये सब आपके सहयोग और प्रोत्साहन का परिणाम है। बस आपका इसी प्रकार सहयोग और प्यार मिलता रहे। हमारी त्रुटियों और विशेषताओं को आप इसी तरह बताते रहें । हम और बेहतर करने का प्रयास करेंगे।
आपका धन्यवाद।