लखनऊ: सर्वविदित हैं कि लखनऊ कें मण्डलायुक्त वेद प्रकाश शुक्ल का केंद्रीय उत्पाद कर के प्रिंसिपल कलेक्टर से विभागीय विषयो के संबंध में पिछले 6 महीने से लगातार विवाद चल रहा हैं, बता दें कि इस विवाद के कारण से दोनो ही विभागीय कर्मचारियो एवं अधिकारियों का स्थानांतरण पिछले 6 महीने से रुका हुआ हैं।
सेवा कर के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि केंद्रीय उत्पाद कर (GST) के प्रिंसिपल कलेक्टर ने कहा है की बिना मेरे संज्ञान के सीमा शुल्क के मंडला आयुक्त ने कैसे दोनो विभागों के कर्मचारी और अधिकारीगण की स्थानांतरण लिस्ट निकाल दी, जबकि उक्त संबंध मे उत्पाद कर को कोई जानकारी नहीं दी गई। उत्पाद कर के मुख्य सचिव ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि मेरे रिटायरमेंट के बाद ही अब कोई विभागीय करवाई होगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इधर लखनऊ के सीमा शुल्क मुख्य आयुक्त वेद प्रकाश शुक्ला ने भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर जल्द ही उत्पाद कर इस संबंध में कोई करवाई नहीं करता तो कस्टम टू कस्टम की ही सिर्फ़ स्थानांतरण लिस्ट निकाली जाएगी। उक्त विषय पर भविष्य में कस्टम की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी, दरसल इस प्रकार का मामला सन 1989 में आया था जिसके बाद यह पहला मामला होगा जो 2019 में होने जा रहा हैं, सूत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक स्वयं वित्तमंत्री निर्मला सीता रमण 22 तारीख को वाराणसी मुख्यालय पहुंचेंगी। इस मिटिंग में सभी मुख्यालयों के कमिश्नर उपस्थित होंगे। दोनों ही विभागीय अफसर के बीच का विवाद अपने चरम सीमा पर पहुँच गया है।