हैदराबाद: तेलंगान में 18 अप्रैल को जारी हुए 12वीं के खराब रिजल्ट के कारण 21 छात्रों ने आत्महत्या कर ली है जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया है.
तेलंगाना बोर्ड से करीब 10 लाख छात्रों ने 12वीं की परीक्षा दी थी जिसमें से तीन लाख फेल हो गए थे. जिसके बाद मीडिया रिपोर्ट्स में रिजल्ट में गड़बड़ी के शक की बात उठाई गयी,
यह देश के इतिहास में एक बार में इतने छात्रों के फैल होने की पहली खबर है जिसकी वजह से इतने ज़्यादा बच्चो ने अपनी जान दे दी.
मानवाधिकार ने मांगी रिपोर्ट
26 अप्रैल को 21 छात्रों की आत्महत्या के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की थी. आयोग ने पूछा है “प्रशासन ने इम्तेहान एनरोलमेंट का ठेका हैदराबाद की निजी कंपनी ग्लोबलरेना टेक्नोलाजी को क्यो दिया”. जबकि पहले से यह किसी सरकारी एजेंसी को ही दिया जाता था.
आयोग ने राज्य मुख्य सचिव एसके जोशी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में इसकी रिपोर्ट मांगी है, जिसमे पूछा गया है कि आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी और पीड़ित परिवारों की क्या मदद की गई.
याद रहे कि ग्लोबरेना टेक्नोलॉजी का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है और उसके खिलाफ पहले भी कई शिकायते दर्ज की गयी हैं.
तेलंगाना बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एजुकेशन (TSBIE) के नतीजों को देखते हुए राज्य सरकार ने इस साल परीक्षा में फेल हुए सभी 3 लाख से ज्यादा छात्रों की कॉपियों को दोबारा जांचने का आदेश दे दिया था.
नम्बरो की एंटरी में हेराफेरी
12वीं में फेल हुए छात्र गज्जा नाव्या को तेलगु पेपर में 0 अंक प्राप्त हुए थे. नाव्या ने अपना तेलुगू पेपर री-इवैल्युएशन के लिया दिया. री-इवैल्युएशन करने पर नाव्या को उसमें 99 अंक मिले थे. नव्या का मामला इस शक को यक़ीन में बदलने के लिये काफी है कि रिजल्ट तैयार करने में काफी गड़बडि़यां हुई हैं. जिसकी वजह से इतनी ज़्यादा तदात में छात्रों को फैल कर दिया गया है. और 21 छात्रों ने खुदकुशी कर ली.
तेलंगाना पेरेंट्स एसोसिएशन की एक जनहित याचिका के आधार पर उच्च न्यायालय मंगलवार को TSBIE को असफल छात्रों की उत्तरपुस्तिकाओं को फिर से जांचने के आदेश भी दे चुका है. तेलंगाना शिक्षा विभाग ने अदालत से इस प्रक्रिया को पुरा करने के लिये 2 महीने का समय मांगा है..