ईरान-इज़रायल युद्ध: तीसरे दिन भी जारी हमले, बढ़ी वैश्विक चिंता | 15 जून 2025 का अपडेट

तेहरान/तेल अवीव।
ईरान और इज़रायल के बीच सैन्य संघर्ष 15 जून 2025 को तीसरे दिन भी जारी रहा। दोनों देशों के बीच हुए भीषण हमलों में अब तक दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों घायल हुए हैं। स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, जिससे मध्य-पूर्व में एक बड़े युद्ध की आहट सुनाई दे रही है।


तेल अवीव में मिसाइल हमले:

ईरान द्वारा इज़रायल के विभिन्न शहरों पर किए गए मिसाइल हमलों में शनिवार देर रात बैट याम शहर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, एक रिहायशी क्षेत्र पर गिरी मिसाइल की चपेट में आकर 6 लोगों की मौत हो गई, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं। इसके अलावा 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

इज़रायली शहर रहेवोत में भी विज़मैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस को निशाना बनाया गया, जिससे एक अनुसंधान भवन को गंभीर क्षति पहुंची है।


तेहरान पर इज़रायली हमले: तेल डिपो में लगी आग

इज़रायल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान की राजधानी तेहरान में स्थित रक्षा प्रतिष्ठानों और परमाणु स्थलों को निशाना बनाया। तेहरान के एक प्रमुख तेल डिपो में आग लगने की पुष्टि हुई है। इज़रायल के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, हमलों का उद्देश्य ईरानी मिसाइल लॉन्चरों और यूरेनियम संवर्धन केंद्रों को निष्क्रिय करना था।


राजनयिक प्रयास और वैश्विक चिंता

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए। ईरान ने इज़रायल की कार्रवाई को ‘युद्ध की सीधी घोषणा’ बताया, जबकि इज़रायल ने इसे आत्मरक्षा का अधिकार बताया।

इस बीच, किप्रस के राष्ट्रपति ने दावा किया है कि ईरान ने इज़रायल से वार्ता की पेशकश की है, जिसे प्रधानमंत्री नेतन्याहू तक पहुंचाया जाएगा। बताया जा रहा है कि ईरान अमेरिका के साथ भी ओमान और कतर के माध्यम से अप्रत्यक्ष संपर्क में है।


भारत की चिंता: तेल आपूर्ति और नागरिक सुरक्षा

भारत सरकार ने इस संघर्ष पर गहरी चिंता व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि भारत क्षेत्रीय शांति के पक्ष में है और संयम की अपील करता है। भारत ने कच्चे तेल की वैकल्पिक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं, ताकि घरेलू बाजार पर प्रभाव सीमित हो।


क्या मध्य-पूर्व की शांति संकट में है?

इस युद्ध ने वैश्विक समुदाय को गंभीर संकट की चेतावनी दे दी है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, यूरोपीय संघ और भारत समेत कई देश संयम और संवाद की अपील कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है।


(यह लेख 15 जून 2025 तक की घटनाओं पर आधारित है। ताजातरीन अपडेट्स के लिए हमारे पोर्टल पर नज़र बनाए रखें।)

📌 लेखक: [अधिवक्ता एम० अशरफ ]
📅 प्रकाशन तिथि: 15 जून 2025

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