कुंदरकी नगर स्थित इमामुद्दीन तुर्की मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन में योमें अल्लामा इक़बाल उर्दू डे के रूप में मनाया गया I
कुन्दरकी ^(https://jadidnews.in/goto/https://hi.m.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A5%80) -इस मौके पर उर्दू जबान को बुलंदी और ऊंचाइयों पर पहुंचाने की बात वक्ताओं ने कही कार्यक्रम में बोलते हुए आईटीएम एजुकेशन ग्रुप के चेयरमैन हाजी शरीफ उद्दीन पाशा ने कहा की अल्लामा इक़बाल ^(https://jadidnews.in/goto/https://hi.m.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%B9%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%A6_%E0%A4%87%E0%A4%95%E0%A4%BC%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%B2) की जिंदगी उर्दू ^(https://jadidnews.in/goto/https://hi.m.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%89%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%82_%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A4%BE) की तरक्की और समाज को नई दिशा देने में बीती l
उन्होंने सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा ^(https://jadidnews.in/goto/https://hi.m.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%87_%E0%A4%9C%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%81_%E0%A4%B8%E0%A5%87_%E0%A4%85%E0%A4%9A%E0%A5%8D%E0%A4%9B%E0%A4%BE) तराना लिखकर वतन से मोहब्बत करने का संदेश भी दिया इकबाल की शायरी में समाज को एक नई दिशा देने का संदेश झलकता है जय उर्दू शायरी में पूरब के कवि के नाम से विख्यात थे l
अल्लामा इकबाल की शायरी लोगों को जोड़ने एकता के सूत्र में पिरोने वा अल्लाह से रिश्ता कायम करने के लिए जानी जाती है उन्होंने कहा कि आज उर्दू को सिर्फ मुसलमानों की जुबान के तरह जाना जाता है जबकि ऐसा नहीं है उर्दू एक लश्करी जुबान है और यह हिंदी की बहन के रूप में जानी जाती है इक़बाल ने कहा था
इश्क़ क़ातिल से भी मकतूल से हमदर्दी भी ये बता किस से मुहब्बत की जज़ा मांगेगा सजदा ख़ालिक़ को भी इब्लीस से याराना भी हश्र में किस से अक़ीदत का सिला मांगेगा
कार्यक्रम में बोलते हुए जे एल एम इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य मोहम्मद इरफान ने कहा कि उर्दू एक ऐसी जुबान है जिसमें शीरी व मीठास है यह लोगों को अपनापन महसूस कराती है और मोहब्बत और खुलूस के जज्बात उमडते हैं l
इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता एचआर सनी ने कहा कि अल्लामा इकबाल की जिंदगी एक फलसफा है वह दुनिया को एकता मोहब्बत और प्यार बांट कर चले गए उर्दू जुबान के माध्यम से उन्होंने समाज में बहुत सारी बुराइयों को खत्म करने का काम किया है!
मुहब्बत की तमन्ना है तो फिर वो वस्फ पैदा कर जहाँ से इश्क़ चाहता है वहाँ तक नाम पैदा कर
इस मौके पर हाजी मोहम्मद उमर ने अल्लामा इकबाल को एक शायर के अलावा एक बेहतरीन सहाफी भी बताया कार्यक्रम में कुंदरकी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य नवाब हुसैन ने अल्लामा इकबाल के तराने का जिक्र किया कि
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिंदी है हम वतन है हिंदोस्तां हमारा
उन्होंने कहा इकबाल को हम पढ़े और जाने कि उन्होंने समाज को अपनी शायरी के माध्यम से एक नई दिशा और ऊर्जा देने का काम किया है l
जब तक दुनिया रहेगी तब तक इकबाल के द्वारा लिखी गई नज्में ग़ज़ल उर्दू लिटरेचर का हिस्सा रहेंगे कार्यक्रम के मेहमाने खुश्शी अंतरराष्ट्रीय कवि मंसूर उस्मानी ने खिताब करते हुए
जहाँ जहाँ भी उर्दू ज़बान बोलता है वहाँ वहाँ पे मेरा हिन्दोस्तान बोलता है
अल्लामा सर मोहम्मद इकबाल की जिंदगी ^(https://jadidnews.in/goto/https://hi.m.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%85%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%BE_%E0%A4%87%E0%A4%95%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%B2_%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AF_%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0) के बारे में बताया कि अल्लामा इकबाल बचपन से ही मेधावी रहे उन्होंने उर्दू जुबान को पूरी दुनिया में बुलंद मर्तबा दिया उनकी शायरी अतीत वर्तमान व भविष्य को दर्शाती है उनकी शायरी में कौमी एकता समर सत्ता राष्ट्रीयता इश्क इबादत मोहब्बत खुलूस जोश जज्बात के दर्शन कराती है l
उन्होंने अपनी जिंदगी में उर्दू को बुलंद करने के लिए ऐसे ऐसे किताबें ^(https://jadidnews.in/goto/https://hi.m.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%B9%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%A6_%E0%A4%87%E0%A4%95%E0%A4%BC%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%B2#%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%9A%E0%A5%80) लिखी जिनको पूरी जिंदगी अनुवाद करते रहें तब बहुत कुछ सीखने मिल सकता है अल्लामा इकबाल एक ऐसी शख्सियत है जिन्हें सारी दुनिया में उर्दू की बुलंदी के लिए पहचाना जाता है l
आज उनके जन्मदिन के अवसर पर पूरी दुनिया में उर्दू दिवस मनाया जाता है इस मौके पर उर्दू के तीन अध्यापकों मास्टर खुशबू अली मास्टर अमर सिंह मास्टर मोहम्मद उमर को अल्लामा इकबाल अवार्ड और शाल ओढ़ाकर नवाजा गया l
अलग-अलग जरयों से उर्दू की खिदमत करने वाले हकीम बादशाह खान, शोएब खान, डॉ मोबीन साबरी, कमर अली रिजवी, अजीम सैफी तनवीर हैदर, मुजाहिद हुसैन, अख्तर रजा, अंसारी राशिद इस्माइल, बीएच मिल्की को अल्लामा इकबाल अवार्ड से नव़ाज़ा गया l
उर्दू विषय में अच्छे नंबर हासिल करने वाले विद्यार्थी मोइनुद्दीन, अलीना, साजिया, इलमा, फरहीन, सोफिया को नसीमउल कादरी अवार्ड दिया गया l
कार्यक्रम में हाजी जुल्फिकार आसिफ इकबाल एडवोकेट अब्दुल कुददुस, चांद सलमानी, जावेद पाशा, मुशाहिद हुसैन, तस्लीम अहमद, जाहिद हुसैन, एहसान अफाकी, जुनेद अंसारी शानू आकिल कुरैशी, मास्टर नाजिर खान, फरमान पठान आदि मौजूद रहे l
प्रोग्राम की निजामत सर सैयद अहमद एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष आरिफ पाशा एडवोकेट ने की सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया!


























































