प्रशासन ने भाकियू टिकैत पर कसा शिकंजा।कार्यालय ख़ाली करने को चस्पा किया नोटिस।

प्रशासन की इस हरकत के विरोध में किया जाएगा आंदोलन।

रामपुर(मुजाहिद खान): कृषि बिल का विरोध कर रहे किसानों और दिल्ली में 26 जनवरी को हुई घटना पर प्रशासन ने भारतीय किसान यूनियन टिकैत पर रामपुर में भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जिसमें जिला सहकारी विकास संघ की बिल्डिंग में बने भाकियू कार्यालय को जिलाध्यक्ष हसीब अहमद को खाली करने का नोटिस जारी किया है। जिसके लिए राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी हसीब के फार्म पर पहुंचे।जिसमें आरोप है कि राजस्व कर्मियों ने मजदूरों को डराया और धमकाया भी और दो थानों की पुलिस ने उनके ककरौआ और शहर स्थित आवास पर दबिश भी दी।

प्रशासन ने भाकियू टिकैत पर कसा शिकंजा।कार्यालय ख़ाली करने को चस्पा किया नोटिस। प्रशासन की इस हरकत के विरोध में किया जाएगा आंदोलन।
प्रशासन ने भाकियू टिकैत पर कसा शिकंजा।कार्यालय ख़ाली करने को चस्पा किया नोटिस। प्रशासन की इस हरकत के विरोध में किया जाएगा आंदोलन।

जिस पर यह मामला राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के संज्ञान में पहुँचने पर उन्होंने जिलाध्यक्ष हसीब अहमद को सारा मामला जानने के लिए गाजीपुर बॉर्डर से वापस रामपुर भेजा है।प्रशासन की इस हरकत से कार्यकर्ताओं में रोष है और पंचायत कर आंदोलन का फैसला लिया गया।
जिलाध्यक्ष हसीब अहमद ने बताया कि 28 जनवरी को राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर थे।जिला सहकारी संघ की बिल्डिंग में स्थित भारतीय किसान यूनियन के दफ्तर में ताला पड़ा था।

जिलाध्यक्ष के मुताबिक 29 जनवरी को कुछ कार्यकर्ताओं ने उन्हें बताया कि दफ्तर पर नोटिस चस्पा है।उसमें जिला सहकारी संघ के सचिव की ओर से 1 सप्ताह के भीतर कार्यालय खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है और चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं किया तो आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत संबंधित थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करा दी जाएगी।

जिलाध्यक्ष ने बताया कि शहजाद नगर और सिविल लाइन पुलिस ने ककरौआ और शहर स्थित उनके आवास पर दबिश देकर पुलिस ने गांव में उनकी छवि बिगाड़ने की कोशिश की।
जिस पर जिलाध्यक्ष ने शनिवार को जिले भर के पदाधिकारियों और सदस्यों को इसकी जानकारी दी तो कार्यकर्ताओं में रोष फैल गया और कुछ ही देर में दफ्तर पर कार्यकर्ताओं की भीड़ जमा हो गई।

जिसमें पंचायत में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि राकेश टिकैत के दिशा निर्देश पर प्रशासन की इस हरकत के विरोध में यहां भी आंदोलन किया जाएगा। जिलाध्यक्ष ने ऐलान किया कि प्रशासन चाहे उन पर कितने भी मुकदमा दर्ज करा दे। उनकी सारी संपत्ति पर कब्जा कर ले,लेकिन वह आंदोलन में शामिल होने से नहीं रुकेंगे। और जिले भर के किसान आंदोलन में हिस्सा लेंगे।वह किसानों को उनका हक दिलाने के लिए हर तरह की कुर्बानी देने को तैयार है।
इस मौके पर रामवीर सिंह गुर्जर,रामपाल सिंह,नफीस अहमद,छिद्दा नेता,केशव कुमार,खुशीराम यादव,राम अवतार,गगनजीत सिंह,सुलेमान,होम सिंह यादव,भगत सिंह,जागीर सिंह,प्रतिपाल सिंह,सुखदेव सिंह,लखविंदर सिंह आदि मौजूद रहे।जिलाध्यक्ष के मुताबिक वह शनिवार को रात में दिल्ली पहुंचकर राष्ट्रीय प्रवक्ता को सारी रिपोर्ट देंगे और आगे की रणनीति तय करेंगें।
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