बेनजीर बन्धे पर आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रशस्ति पत्र और प्रोत्साहन राशि देकर किया सम्मानित।
रामपुर(मुजाहिद खान): बेनजीर बन्धे पर आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता का परिणाम जारी कर दिया गया।जिसमें 36 प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह के निर्देशानुसार बेनज़ीर बन्धे पर पेंटिग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसके विजेताओं को प्रोत्साहन राशि और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
जिसको लेकर बेनज़ीर बन्धे पर ही जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह,मुख्य विकास अधिकारी गजल भारद्वाज,अपर जिलाधिकारी प्रशासन जगदम्बा प्रसाद गुप्ता,नगर मजिस्ट्रेट श्रीराम मिश्रा एवं उपजिलाधिकारी/ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर प्रवीण वर्मा की उपस्थिति में प्रतिभागियों के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
पेंटिंग प्रतियोगिया में 36 प्रतिभागियों ने भाग लिया था, जिनमें से मो0 रहमान,जसप्रीत कौर और आलिया बी को प्रथम पुरस्कार के अन्तर्गत प्रत्येक को प्रशस्ति पत्र और 7000 रूपये की नकद धनराशि प्रदान की गई।
मुशफिरा मुनव्वर और खजिदा को द्वितीय पुरस्कार के रूप में प्रत्येक को प्रशस्ति पत्र और 5500 रूपये की नकद धनराशि प्रदान की गई।वहीं रमेश कुमार को तृृतीय पुरस्कार के रूप में प्रशस्ति पत्र और 5100 रूपये की धनराशि प्रदान करके जिलाधिकारी ने सम्मानित किया।
इसके अलावा 10 प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र के साथ-साथ प्रत्येक को 1100 रूपये की नकद धनराशि दी गई तथा 20 प्रतिभागियों को प्रोत्साहन स्वरूप प्रशस्ति पत्र दिया गया। इस मौक़े पर जिलाधिकारी ने कहा कि यह एक छोटी सी पहल है जिसका मूल उद्देश्य है कि लोगों को अपनी क्रिएटिविटी को उकेरने का अवसर मिले,उन्हें अपनी परम्परागत विरासत के महत्व को समझने और उससे जुड़ने का मौका मिले।
रामपुर अपनी बेहतरी के लिए जाना जाए,समाज के उत्थान और बेहतरी के लिए एक बेहतर उदाहरण बनकर सामने आए इसके लिए विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं।उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि रामपुर ने अपने नागरिकों के लिए कई बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किए है।
कहा कि लाॅकडाउन से अब तक जनपदवासियों ने अत्यन्त सकारात्मक रवैये के साथ मिसाल प्रस्तुत की है। साथ ही कहा कि जनपद के आर्थिक एवं सांस्कृतिक उत्थान एवं स्थानीय कलाओं को बड़े स्तर पर पहचान दिलाने के साथ साथ रामपुर के लोगों की बेहतरी के लिए परंपरागत उद्योगों को वृहद स्तर पर पहचान दिलाने तथा उनसे जुड़े कुशल कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं।


























































