उत्तर प्रदेश की सरकार और प्रशासन मिलकर CAA के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को हर तरह से कुचलने की कोशिश कर रही है. राजनधानी लखनऊ के घंटाघर इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं महिलायों से पुलिस ने खाना खाने का सामान एंव उनसे कम्बल छीने जो वो ठण्ड में ओड़ने के लिए हुए थीं. प्रशासन ने जनता को काबू में करने एंव उन्हें डराने के लिए वहां धारा144 भी लगा दी गई है जो कि सबसे ज़्यादा बार यूपी में लगाई गयी है. पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे ने राजधानी के इलाके में धारा 144 लगाने का आदेश दिया है. हालांकि उन्होंने धारा 144 लगाने की वजह  डिफेंस एक्सपो बताया है.

पुलिस कार्रवाई में प्रदर्शनकारियों से खाने-पीने का सामान और कंबल  छीनने को जब्त करना बता रही है और महिलाओं को उनके संविधानिक अधिकार (शांति पूर्ण प्रदर्शन) से रोकने के लिए वहां भारी मात्रा में पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है. आशंका है कि शांतिपूर्ण ढंग से हो रहे विरोध-प्रदर्शन पर पुलिस की इस कार्रवाई से माहौल गर्म हो सकता है.

विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं को पुलिस ने बलपूर्वक खदेड़ा है जो कि वीडियो में साफ़ नज़र आ रहा है. विरोध-प्रदर्शन में हजारों की तादाद में महिलाएं शामिल थी, जिनके साथ उनके छोटे बच्चेे भी थे. पुलिस ने महिलाओं को बिना किसी प्रकार की जोर-जबरदस्ती या धक्का-मुक्की या उन्हें जेल भेजे बिना इस प्रदर्शन को खत्म करने की कोशिश कर रही है इसीलिए महिलायों से उनके कम्बल और खाने का सामान छीना ताकि महिलायें पुलिस से डर जाएँ और प्रदर्शन ख़त्म कर दें .

दरअसल शुक्रवार की दोपहर करीब 12.30 बजे लगभग 12 महिलाएं घंटाघर के नीचे प्रदर्शन पर बैठ गयीं. यहाँ लोग घुमने आती हैं, उस शाम भी जो महिलाएं यहां घूमने आईं वे भी प्रदर्शन में शामिल होती चली गईं. यह तादात धीरे-धीरे बढ़ते एक हजार हो गई, जिनमें बहुत सारी महिलाएं पुराने लखनऊ से थीं. शाहीन बाग़ की तरह यहाँ भी औरतों का इकठा होना पुलिस कोई खतरा-सा लगने लगा शायद इसीलिए उन्होंने 144 लगा कर लोगों को पाबन्द कर दिया.

प्रदर्शन कर रही महिलायों में वहां रस्सी लगाकर उसे दो हिस्सों में बांट दिया. जिसके एक हिस्से में महिलाएं धरना दे रही थीं और दूसरे में मीडिया को आने की इजाजत थी हालांकि यहां पुरुषों को आने की इजाजत नहीं थी. जब ठंड बढ़ने लगी तो इन महिलाओं के परिवार वाले, रिश्तेदार और दूसरे समर्थन इनकों कंबल और खाना पहुंचाने के लिए आने लगे. महिलाओं का आरोप है कि पुलिस ने उनको खाना नहीं लाने दिया. साथ ही उनके कंबल और खाने का सामान, अंगीठियां वगैरह जो वे जला रही थीं, छीन ली गई. पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया था, जिनको बाद में निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया. रात में ठंड बढ़ने वजह पर ज्यादातर महिलाएं वहां चली गईं, लेकिन दिन में धूप निकलने पर वहां ज्यादा महिलाएं पहुंच जाती हैं.

याद रहे CAA के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कुछ ज्यादा ही आक्रामक हो गयी जिसके कारण 21 लोगों मौतें अकेले यूपी हुईं हैं जिस पर सरकार या किसी अधिकारी की तरफ से कोई आफसोस ज़ाहिर नहीं किया गया ना कोई मदद दी गयी. दूसरी तरफ हजारों गरीब लोगों पर मुक़द्दमा तक क़ायम कर दिया गया, जिससे यूपी पुलिस की खूब किरकिरी भी हुई.

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