डीएम ने जिला अस्पताल के निरीक्षण में ग़ैर हाज़िर मिले डॉक्टरों के वेतन रोकने के दिए निर्देश,मांगा स्पष्टीकरण।

रामपुर(मुजाहिद खाँ): जिला अस्पताल और जिला महिला अस्पताल हमेशा से ही विवादों में रहना आम बात हो गई है।भले ही जिला अस्पताल की इमारत देखने मे खूबसूरत हो और सुविधाओं से लैस दिखे लेकिन असल मे नीचे से ऊपर तक फैले भ्र्ष्टाचार की भेंट चढ़ा है।मरीज़ों और तीमारदारों के साथ डॉक्टरों की हेकड़ी हो या ग़रीब बेसहारा मरीज़ों को बाहर से कमीशन की दवाई लिखना रैफर करना आम बात है।हालांकि इसको लेकर चाहे मंत्री हों,नेता हो प्रमुख सचिव हों,स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी हों या जिला प्रशासन इनके दौरों के दौरान कमियां,शिकायतें भी मिलती हैं जिसमें दलालों की दख़ल अंदाज़ी भी शामिल रहती है।उसको लेकर ऊपर से नीचे तक कार्यवाही का आश्वासन दिया जाता है और कागज़ी और ज़ुबानी तौर पर की भी जाती है लेकिन नतीजे के नाम पर वही ढाक के तीन पात होता है और सारी कहानी यथावत पुराने ढर्रे पर चलती रहती है और गरीब बेसहारा मरीज़ इलाज के नाम पर इंसानियत नाम के पेशे से जुड़े डॉक्टरो के खिलवाड़ की चक्की में पिसता रहता है और दलालों के हौंसले बुलंद रहते हैं।ख़ैर इसमें कब सुधार आएगा यह तो वक्त बताएगा।
इसी को लेकर स्वतंत्रता दिवस की देर शाम जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार माँदड़ ने जिला अस्पताल और महिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया।
औचक निरीक्षण से खलबली मच गई और फर्ज़ी स्टाफ के साथ दलालो में भी हड़कंप मच गया।जबकि सीएमएस डॉ आर के मित्तल भी व्यवस्थाओ को लेकर बेचैन दिखे और जवाब से बचने के लिए बगले झांकते दिखे।जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय में भर्ती मरीजों से स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्राप्त की जिसमें भर्ती मरीज़ों और तीमारदारों ने डॉक्टरो से लेकर स्टाफ और सुविधाओं के बारे में बताया और शिकायतें भी की।निरीक्षण में जिलाधिकारी ने स्टाफ से लेकर डॉक्टरो की ड्यूटी और सुविधाओं के बारे में पूछा जिस पर ड्यूटी से गैरहाजिर डॉक्टरों का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण के निर्देश दिए।
वहीं जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार माँदड़ ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पहले भी यहां पर औचक निरीक्षण किए हैं और लगातार आगे भी करते रहेंगे।जिला अस्पताल में व्यवस्थाएं फिर भी ठीक पाई गई लेकिन डॉक्टर अनुपस्थित थे उनके विरूद्ध कार्यवाही आगे बढ़ा रहे हैं।महिला अस्पताल में व्यवस्थाएं खराब है और जो महिला सीएमएस वह भी मौजूद नहीं मिली।डॉक्टर नीरज है वह भी लगातार रात्रि में अनुपस्थित है इसके बारे में स्टाफ नर्स ने भी बताया है अभिलेखों में भी अनुपस्थित पाए गए हैं उनके विरुद्ध भी कार्यवाही प्रस्तावित कर रहे हैं बाकी महिलाओं से प्रसव के बाद जो फीडबैक लिया है वह संतोषजनक है इसका मतलब स्टाफ नर्स और बाकी टीम अच्छा काम कर रही है उनके लिए हम लोग बधाई देंगे लेकिन जो डॉक्टर अनुपस्थित हैं उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करेंगे।जिलाधिकारी ने कहा कि जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधारने के साथ ही सीएचसी पर भी पूरा ध्यान है और सीएमओ को भी कहा है कि वहां पर व्यवस्थाएं अच्छी करें वहां पर भी इसी तरह औचक निरीक्षण करेंगे और जो व्यवस्थाओं में खराबी है उसे दुरुस्त कर कराएंगे और दोषी लोगों पर कार्रवाई करेंगे।महिला चिकित्सालय में प्रसव के बाद महिला और तीमारदार परेशानी में रहते हैं पिछली बार महिला सीएमएस द्वारा बताया गया था की एकियूपमेंट की कार्यवाही प्रस्तावित है लेकिन डेढ़ महीना गुजर गया लेकिन उसके बाद भी काम नहीं होना लापरवाही को दर्शाता है उसमें हम लोग उसके विरूद्ध कार्रवाई करेंगे।कहा यहाँ डॉक्टरो की कमी है इसके लिए मुरादाबाद से भी डॉक्टर का अटैचमेंट कराया है।इसके लिए मुरादाबाद के एडी को भी कमिश्नर साहब के माध्यम से अवगत कराया है एक-दो दिन में महिला चिकित्सक आ जाएगी और आगे देखेंगे।पिछले कुछ समय से यहां सर्जन की कमी थी इसलिए रेफर करने की बात थी महिला सर्जन आ जाएंगी इसके बाद शिकायत नहीं आएगी और अगर लापरवाही और अनावश्यक रूप से मरीज को परेशान करने के लिए रेफर किया जा रहा है उसको आंकड़ों में देखेंगे और उसके बाद कार्रवाई करेंगे।वही बाहर से दवाई लिखने पर डीएम ने कहा कि इसमें एक एसेंशियल ड्रग्स लिस्ट होती है उस ईडीएल में जो दवाएं हमारे पास उपलब्ध है वह कोई दवा हम प्रयास करते हैं कि न लिखें उसमें लगातार जो डीएचएस की मीटिंग होती है उसमें जो सीएमएस है या अंडर सीएमओ जो भी डॉक्टर्स हैं उन सबको लगातार बताते भी हैं,और एक साधारण सी बात है कि जिला अस्पताल में जो ज्यादा लोग आते हैं वह गरीब तबके के आते हैं और उनको असिस्ट करना हमारा नैतिक दायित्व है।आगे से एक नया इनीशिएटिव लेंगे कि जो पर्ची लिखी जा रही है उसका रेंडम सत्यापन करा लेंगे और दवा होने के बाद बाहर से लिखी जा रही है तो उस डॉक्टर पर कार्रवाई होगी यह सब बातें बताई जा चुकी है।जहां तक एमरजैंसी की बात है वहां सुविधाएं इतनी खराब नहीं है ठीक हैं जो स्टाफ है वह भी मौजूद पाया गया डॉक्टर की शॉर्टेज तो है ही फिर भी चिकित्सा एक ऐसी चीज है जिसमें किसी प्रकार का बहाना नहीं बना सकते और यह लोगों की जान से जुड़ा ही मुद्दा होता है स्टाफ की मौजूदगी होना चाहिए और जो लोग गैरहाजिर थे उनके विरुद्ध कार्रवाई प्रस्तावित करेंगे आगे जो भी निर्देश होते हैं करेंगे।
निरीक्षण में जिलाधिकारी के साथ सिटी मजिस्ट्रेट रामजी मिश्र और स्टाफ भी मौजूद रहा।

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