आइएएनएस। देश में लगातार बढ़ रही मोब-लिंचिंग (Mob-Lynching) का विरोध करने वाले लघभग 49 बड़ी हस्तियों के खिलाफ देशद्रोह (anti national) के आरोप में एफआइआर (FRI) दर्ज की गई हैं। मोब-लिंचिंग (Mob-Lynching) के खिलाफ आवाज़ उठाने वालों में देश के मशहूर फिल्म निर्देशक मणिरत्नम (Mani Ratnam), अपर्णा सेन ( Aparna Sen), श्याम बेनेगल (Shyman Bengal), अनुराग कश्यप (Anuragh Kashyap), श्याम बेनेगल, (Shyman Bengal) और शुभा मुद्गल (Shubha Mudral) सहित 49 लोग शामिल हैं जिनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ है।

आपको याद होगा इसी साल जुलाई में फिल्म निर्माता मणिरत्नम (Mani Ratnam), अनुराग कश्यप (Anuragh Kashyap), श्याम बेनेगल (Shyman Bengal), सौमित्र चटर्जी (Somitr Chatarji) और गायक शुभा मुद्गल (Shubha Mudral) सहित 49 हस्तियों ने पत्र लिखा था। इस लेटर में कहा गया था कि मुस्लिमों, दलितों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ मोब-लिंचिंग (Mob-Lynching) को तुरंत रोका जाना चाहिए। जबकि ये कहते हुए कि बिना असंतोष के कोई लोकतंत्र नहीं था। यह भी उल्लेख किया गया है कि जय श्री राम का जाप उत्तेजक युद्ध रोने के लिए कम कर दिया गया था। इसके खिलाफ ये केस दर्ज किया गया है।

सोशल मीडिया में इस मामले ने काफी सुर्खिया बटोरी थीं, जिसके बाद कुछ बीजेपी (BJP) समर्थक लोगों ने मोब-लिंचिंग  (Mob-Lynching) के खिलाफ बोलने वालो पर ही मोर्चा खोल दिया था और इस मामले को सामाजिक मुद्दे से भटका कर एक राजनितिक मुद्दा बनाने की पूरी कोशिश की थी, कुछ बीजेपी (BJP) समर्थक टीवी चन्नालों ने भी इस पर काफी TRP बटोरी थी.

अब स्थानीय अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा की याचिका पर दो महीने पहले मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूर्यकांत तिवारी द्वारा एक आदेश पारित किए जाने के बाद गुरुवार को केस दर्ज किया गया था। सीजेएम कोर्ट ने 20 अक्टूबर को इसको लेकर आदेश पारित किया था। सुधीर कुमार ओझा जिस पर आज सदर पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसकी प्राप्ति पर उनकी याचिका स्वीकार की गई।

ओझा ने बताया कि इस लेटर के सिग्नेचर में उनकी याचिका में आरोपी के रूप में नामित किया गया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर देश की छवि को खराब किया और पीएम के प्रभावशाली प्रदर्शन को कम करने की कोशिश की। इसके अलावा अलगाववादी प्रवृतियों का समर्थन किया। पुलिस ने कहा है कि आईपीसी की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें राजद्रोह,  सार्वजनिक उपद्रव से संबंधित, धार्मिक भावनाओं को आहत करने और शांति भंग करने के इरादे से अपमान करने जैसे आरोप शामिल हैं।

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