वो आया और अपना काम कर के चला गया
अब आपका ओखला, मुस्तफाबाद और आपकी दिल्ली आपके हवाले
अज़ीज़ बर्नी
शाहीन बाग ने NRC और CAA की कामयाब लड़ाई लड़ी संविधान में भरोसा रखने वाले गैर मुस्लिमों को बुलाया लेकिन उसे नहीं बुलाया। दिल्ली में दंगे हुए गैर मुस्लिमों ने कानूनी लड़ाई लड़ी लेकिन ना वो अदालत गया ना मजलूमों के घर गया। लेकिन अब चुनाव का वक्त आया तो मां, बीवी,बेटी,बेटे सबको दांव पर लगाया। ये आपका अल्लाह वाला है।
चुनाव और पार्टियों ने भी लड़ा,आप,कांग्रेस,सपा,बसपा,NCP, आज़ाद समाज पार्टी लेकिन किसी ने भी धर्म के नाम पर चुनाव नहीं लड़ा ना हिंदू मुस्लिम राग अलापा लेकिन उसने नारा ए तकबीर अल्लाहू अकबर के नारे लगवाए चुनाव अल्लाह के नाम पर लड़ा और बीजेपी को हिन्दू कार्ड खेलने का मौक़ा दिया। नतीजा आपके सामने है।
अरविंद केजरीवाल को सत्ता से बेदखल होने का कोई अफ़सोस नही होना चाहिए बल्कि बीजेपी का शुक्रगुजार होना चाहिए क्योंकि उसे 10 साल की चीफ़ मिनिस्ट्री अन्ना हजारे शो में अपना रोल प्ले करने के लिए इनाम में मिली थी ,कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने केलिए मिली थी। अब उसका काम खत्म उसकी जरूरत खत्म।
कांग्रेस को अपनी हार का मातम करने की जरूरत नहीं है। उसने गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा का बदला ले लिया और आगे भी उसे केजरीवाल पर भरोसा नहीं करना चाहिए उसकी सियासत संघ की सियासी जरूरत को पूरा करने और सेक्युलर वोटों के बंटवारे, सेक्यूलर पार्टियों की रणनीति जानने के लिए है।
अल्लाह के नाम का कॉपी राइट ओवैसी के पास है। मुस्लिम लीडरशिप का सर्टिफिकेट उसे भाजपा ने दिया है। पार्लियामेंट में संविधान की हिफाज़त के लिए, मुसलमानों केलिए 10 लोग बोलें लेकिन चर्चा बस उसकी होगी मीडिया को आदेश है कि मुस्लिम इश्यूज पर बस उसे दिखाए, उसका चेहरा दिखाए।
भाजपा की प्रॉब्लम सेक्युलरिज्म है। सेक्युलर कांस्टीट्यूशन है , सेक्यूलर सोच है ये ख़त्म तो सभी सेक्युलर पार्टियां खत्म, सेक्यूलर संविधान खत्म। फिर हिंदू राष्ट्र तो है ही। ये कॉन्टेक्ट आपके अल्लाह वाले के पास है और मुसलमानों की ठेकेदारी भी। लिहाज़ा सेक्युलरिज्म की सबसे ज्यादा मुख्लाफत वो करेगा और मुसलमानों से कराएगा।
मुझे बस इतना ही कहना था बाकी जो आपको ठीक लगे। शुक्रिया। ख़ुदा हाफिज।
आपका
अज़ीज़ बर्नी