दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के एक छोटे से गांव चोटिगम में दो कश्मीरी पंडित भाइयों सुनील कुमार भट और उनके चचेरे भाई पर्टिम्बर नाथ पर हुए भीषण आतंकी हमले से उनके गांव में आक्रोश फैल गया है। सुनील ने दम तोड़ दिया जबकि पर्टिम्बर नाथ (पिंटू) घायल हो गए। सुनील और पिंटू दोनों किसान थे। जब वे अपने बगीचे में अपने काम में व्यस्त थे, तब आतंकवादियों ने उन पर गोलियां चला दीं। सुनील का परिवार उन तीन कश्मीरी पंडित परिवारों में शामिल था, जिन्होंने 1990 में घाटी नहीं छोड़ी थी, जब पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद ने कश्मीर को जकड़ लिया था।
सुनील कुमार भट की हत्या को अंजाम देने वाले आतंकवादियों ने चोटिगम गांव को मातम में डाल दिया और मुस्लिम ग्रामीणों ने बाहर आकर आतंकवादियों के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने सुनील के अंतिम संस्कार में भाग लिया और आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों को एक स्पष्ट संदेश भेजते हुए उन्हें एक अश्रुपूर्ण विदाई दी कि वे 1990 को नहीं दोहरा सकते, जब पाकिस्तान के इशारे पर कश्मीरी पंडितों को मार दिया गया था। उन्होंने यह संदेश दिया कि आज वह डर दूर हो गया है और वे अपने कश्मीरी पंडित भाइयों के साथ मजबूती से खड़े हैं।
हमले की समाज के हर वर्ग में व्यापक निंदा हुई है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कायरतापूर्ण कृत्य की निंदा करते हुए ट्वीट किया, “शोपियां में नागरिकों पर घिनौने आतंकी हमले पर शब्दों से परे दर्द है। मेरी संवेदनाएं सुनील कुमार के परिवार के साथ हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना करता हूं। हमले की सभी की ओर से कड़ी निंदा की जानी चाहिए। बर्बर कृत्य के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर पर लिखा, “मैं शोपियां में आतंकवादी हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करता हूं, जिसमें सुनील कुमार मारे गए और पिंटो कुमार घायल हो गए। परिवार के प्रति मेरी संवेदना।”
पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री सजाद लोन ने ट्वीट किया, “शोपियां में कायर आतंकवादियों द्वारा एक और नृशंस हमला। हम हिंसा के इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं। परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं।”
- हालांकि, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को इसमें भी राजनीति दिखाई दी। उन्होंने इस कृत्य के लिए पाकिस्तान को दोष देने के बजाय, नई दिल्ली को दोषी ठहराया।