मुरादाबाद ईदगाह में नमाज के दौरान अव्यवस्था, पुलिस की गलती से कई नमाजी रह गए बाहर
संवाददाता: आरिफ मियां
मुरादाबाद। ईद-उल-फित्र की नमाज को लेकर शहर की ईदगाह में सुबह 8 बजे का समय तय किया गया था, लेकिन इस दौरान प्रशासन की अव्यवस्था के कारण कई नमाजियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। नमाज पढ़ने के लिए पहुंचे लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें समय से पहले ही ईदगाह के रास्ते पर रोक दिया, जिससे कई लोग नमाज अदा करने से वंचित रह गए।
ईदगाह के अंदर काफी जगह खाली थी
ईदगाह पहुंचने वाले नमाजियों का कहना था कि जब उन्हें रोका गया, तब उन्होंने प्रशासन से यह सवाल किया कि आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है, जबकि ईदगाह के अंदर काफी जगह खाली थी। बाद में जब पुलिस अधिकारियों को इस बात का एहसास हुआ कि उनसे गलती हो गई है, तब मामला स्पष्ट हुआ।
इमाम साहब ने वीडियो दिखाकर अफसरों को करवाई से अवगत कराया
जब इमाम साहब को इस बात की जानकारी मिली कि कई नमाजी बाहर ही रह गए हैं और ईदगाह में पर्याप्त जगह मौजूद थी, तो उन्होंने पुलिस के उच्च अधिकारियों से संपर्क किया। इमाम साहब ने वीडियो दिखाकर प्रशासन को बताया कि अंदर अभी भी जगह है और कई लोग नमाज पढ़ने से रह गए हैं। इसके बाद पुलिस ने अपनी गलती स्वीकार की और फिर से नमाज पढ़ाने की अनुमति दी गई।
न्यूज़ चैनलों ने भड़काने की कोशिश की
इस पूरी स्थिति के बीच कुछ शरारती तत्वों और न्यूज चैनलों ने लोगों को भड़काने का प्रयास किया। कुछ चैनलों ने अफवाह फैलानी शुरू कर दी कि “नमाज नहीं हो रही है”, जबकि कुछ लोगों ने अफवाह उड़ाई कि “जिहादियों से पुलिस की मुठभेड़ हो गई है।”
हालांकि, ईदगाह में पहुंचे नमाजियों ने पूरी समझदारी और धैर्य से काम लिया और किसी भी भड़काऊ बयानबाजी में न आते हुए सिर्फ नमाज अदा करने पर ध्यान केंद्रित किया।
शांति और संयम का उदाहरण बने नमाजी
इस पूरे मामले में नमाजियों ने धैर्य और संयम का परिचय दिया। किसी भी तरह की उकसाने वाली बयानबाजी में न आकर उन्होंने अपनी नमाज पूरी की और फिर शांति से अपने-अपने घर लौट गए।
वीडियो रिकॉर्डिंग ने बड़ा सच उजागर किया
इस पूरे मामले में एक महत्वपूर्ण बात यह रही कि अगर ईदगाह में खाली जगह की वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं होती, तो यह मामला कभी उजागर ही नहीं हो पाता। वीडियो के जरिए ही यह साबित हुआ कि पुलिस ने गलती से लोगों को रोका और नमाज के दौरान जगह खाली पड़ी रही।
प्रशासन को भविष्य में ध्यान देने की जरूरत
इस घटना से यह साफ होता है कि भविष्य में प्रशासन को ईदगाह या अन्य धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन को लेकर और सतर्कता बरतनी होगी, ताकि इस तरह की गलतफहमियां या प्रशासनिक लापरवाहियां दोबारा न हों।