“महिलाओं के व्यक्तित्व विकास में योग एवं शारीरिक शिक्षा का योगदान”विषय पर हुआ संगोष्ठी का आयोजन।
रामपुर(मुजाहिद खान): राजकीय रज़ा स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मिशन शक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत ”महिलाओं के व्यक्तित्व विकास में योग एवं शारीरिक शिक्षा का योगदान” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ पी० के० वार्ष्णेय के निर्देशन एवं मागदर्शन में संपन्न हुआ।कार्यक्रम का परिचय एवं रूपरेखा डॉ प्रदीप कुमार द्वारा प्रस्तुत की गई।
कार्यक्रम के शुभारंभ एवं आशीषवचन व्यक्तव्य में प्राचार्य ने मानव व्यक्तित्व के विभिन्न शीलगुणों जैसे सकारात्मक दृष्टिकोण,सच्चरित्रता,कर्तव्यनिष्ठता एवं वस्तुनिष्ठता का मानव जीवन में महत्व एवं उपयोगिता पर प्रकाश डाला।मुख्य वक्ता डॉ मुजाहिद अली ने कहा कि मानव के अंतर्निहित गुणों का विकास करना शिक्षा है।शारीरिक शिक्षा भी व्यक्तित्व विकास का एक महत्वपूर्ण माध्यम है जो शारीरिक गतिविधियों द्वारा संपन्न होता है।मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य शारीरिक शिक्षा के महत्वपूर्ण उद्देश्य एवं मानव कल्याण लक्ष्य है।शारीरिक शिक्षा द्वारा महिलाओं का व्यक्तित्व विकास करते हुए आरोग्य पूर्ण जीवन एवं मानसिक स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सकता है जिससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता मिलेगी।धर्म की पहचान मानव कल्याण है,यदि मानव कल्याण है तो धर्म है यदि नहीं तो अधर्म है।ईश्वर से मानव तभी जुड़ेगा जब वह मानव कल्याण को लक्ष्य बना ले।मन की वृत्तियों का निरोध करना ही योग है।मन की प्रकृति अत्यंत चंचल होती है।मन में व्याप्त नकारात्मक वृत्तियों को रोक दे या हटा दे वही योग है।योग अष्टांगिक मार्ग का अनुसरण करता है जिसमें यम,नियम,आसन,प्राणायाम,प्रत्याहार,धारणा,ध्यान,समाधि इत्यादि सम्मिलित रहते हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ दीपक कुमार शर्मा एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ अरविंद कुमार द्वारा किया गया।कार्यक्रम में प्राध्यापक डॉ सुरेंद्र कुमार,डॉ जहांगीर अहमद खान,डॉ प्रवेश कुमार,डॉ मुदित सिंघल,डॉ सुरेंद्र कुमार गौतम,डॉ वीके राय,डॉ राजीव पाल,डॉ सैय्यद अब्दुल वाहिद शाह,डॉ माणिक रस्तोगी,डॉ सोमेन्द्र सिंह सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।