संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर पधराव व आगजनी दो लोगों की मोत
विशेष संवाददाता
संभल/उत्तर प्रदेश जिले में जामा मस्जिद के दुवारा सर्वे विवाद के चलते लोग रविवार को अचानक सुबह सुबह सर्वे करने को लेकर लोग उत्तेजित हो गए पुलिस प्रशासन के जबरन सर्वे पर जिद करने को लेकर लोग मारपीट और पथराव करते हुए हिंसा पर उतर आए. उग्र लोगों ने पुलिस पर पत्थरबाजी करते हुए सर्वे के लिए पहुंचे अधिकारियों और अन्य लोगों के वाहनों को आग लगा दी.
भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले फेंकते हुए लाठीचार्ज कर दिया. बताया जा रहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद सर्वेक्षण टीम जामा मस्जिद पहुंची थी लेकिन सुबह की टाइमिंग को लेकर लोगों में रोष देखा गया जिसे प्रशासन भांप नहीं पाया जब सर्वे शुरू हुआ तभी कुछ लोगों ने इसका विरोध किया उसके बाद लोग हिंसा करने लगे.
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि अब स्थिति कंट्रोल में है. पत्थरबाजों को चिहिंत किया जा रहा है.
संभल की जामा मस्जिद को लेकर क्यों हो रहा विवाद?
यूपी के संभल जिले की जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्षकारों ने हरिहर मंदिर बताते हुए न्यायालय में वाद दायर किया था. कोर्ट ने मामले को सुनते हुए तुरंत कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करते हुए मंगलवार को इसका सर्वे करने का आदेश दे दिया.
बताया जा रहा है कि कोर्ट कमिश्नर ने शाही जामा मस्जिद पहुंचते हुए उसकी वीडियोग्राफी कराई और तस्वीरें भी ली हालांकि इसे 29 नवंबर को पेश किया जाएगा. रविवार को कोर्ट के आदेश पर सुबह एक टीम सर्वे करने के लिए शाही जामा मस्जिद गई थी.
भारी पुलिस की तैनाती में टीम मौके पर पहुंची तभी कुछ लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया और पथराव करने लगे. मामला बढ़ता देख पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले दागते हुए भीड़ पर लाठीचार्च किया. प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को भी आग लगा दी.
क्या कहा संभल के एसपी कृष्ण कुमार ने?
संभल में शाही जामा मस्जिद को लेकर हुए पथराव को लेकर एसपी कृष्ण कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि..
कोर्ट के आदेश पर सर्वे किया जा रहा था. अचानक कुछ भीड़ से कुछ लोगों ने इसका विरोध करते हुए 10-15 सेकंड तक पुलिस पर पथराव करते रहे. पुलिस ने उनको रोकने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि धारा 163 बीएनएस लगा दी गई है. पत्थरबाजों को भी चिह्नित किया जा रहा है.
आपको बतादें कि पुलिस लगातार सोशल मीडिया पर नजर बनाए हुए है आपत्तिजनक और भड़काऊ बयान बजी वाले पोस्टों को भी चिह्नित किया जा रहा है. अशांति फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी.
अखिलेश यादव बोले, सरकार ने जानबूझकर टीम को सुबह भेजा, तब हिंसा हुई
जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसक घटना पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी सरकार और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह गंभीर घटना है। मस्जिद का सर्वे पहले ही हो चुका था लेकिन जानबूझकर सुबह फिर से सर्वे टीम को भेजा गया। ताकि माहौल खराब हो सके और चुनावी मुद्दों पर चर्चा न हो पाए। सूचना है कि कई लोग घायल हो गए हैं और एक युवक की जान चली गई है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब मस्जिद का सर्वे पहले ही किया जा चुका था तो सरकार को फिर से इसकी क्या जरूरत पड़ी। वह भी बिना किसी तैयारी। अखिलेश ने इस घटना को बीजेपी सरकार और प्रशासन की साजिश करार दिया। कहा कि जो कुछ भी हुआ वह प्रशासन की तरफ से जानबूझकर किया गया ताकि चुनावों में हो रही धांधली और व्यापारी मामलों पर कोई चर्चा न हो सके। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने जानबूझकर हिंसा को बढ़ावा दिया ताकि राजनीतिक मुद्दों पर किसी प्रकार की बात न हो सके।
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दो घंटे चला सर्वे, रिपोर्ट 29 नवंबर को पेश होगी
मस्जिद के अंदर सुबह 7:30 बजे से लगभग दो घंटे तक सर्वे चला। कोर्ट कमिश्नर रमेश राधव की अगुवाई में टीम ने मस्जिद के विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण किया। सर्वे पूरा होने के बाद टीम वहां से निकल गई। इस मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होनी है, जिसमें सर्वेक्षण की प्रारंभिक रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाएगी।