जब तक दलित महिला सशक्त नहीं होगी तब तक समाज सशक्त नहीं होगा:डॉ जयश्री
घर घर जाकर समाज को करें जागरूक और शिक्षा का दीप जलाएं:अवधेश
शिरोमणि संत रविदास जयंती समारोह का अंबेडकर पार्क में किया गया आयोजन।
रामपुर(मुजाहिद खान): अखिल भारतीय जाटव महासभा के प्रदेश अध्यक्ष महेश कुमार सागर ने शिरोमणि संत रविदास जयंती समारोह का अंबेडकर पार्क में आयोजन रखा।जिसमें मुख्य अतिथि डॉ जयश्री एवं एडीएम वित्त रहे और विशिष्ट अतिथि अवधेश राम जिला आबकारी अधिकारी रहे।कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ दशरथ सिंह ईएमओ चिकित्सालय और संचालन डॉ अरविंद गौतम और मीना सिंह ने किया।
अपने सम्बोधन में प्रोफेसर डॉ जयश्री ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास ने भी अपने समय में बहुत सी मुसीबत उठाई हैं।लोग एक दूसरे से समाज के नाम पर धर्म के नाम पर जात के नाम पर भेदभाव करते थे।उस समय उन्होंने अपनी काबिलियत से अपनी कटोरी के अंदर गंगा को बुला लिया था यह एक सच्ची श्रद्धा है,और कर्म पर आधारित है उसके बाद भी समाज में कुरीतियों का आडंबर कम नहीं हुआ फिर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने इन आडंबरो पर विराम लगाकर महिला सशक्तिकरण कैसे हो सोचा और उन्हें संविधान में ऐसा हथियार दिया जिससे महिलाओं को नई दिशा मिल सके और जो महिलाओं पर हो रहे अत्याचार हैं उन पर विराम लग सके आज महिला अपने आप में कुछ सशक्त हुई है परंतु दलित समाज की महिलाएं आज भी सशक्त नहीं है जब तक दलित महिला सशक्त नहीं होगी तब तक समाज सशक्त नहीं होगा,जब तक समाज सशक्त नहीं होगा तब तक उसका परिवार सशक्त नहीं होगा।
एडीएम राम भरत तिवारी ने कहा कि गुरु को लेकर सभी में अपनी अपनी दिलचस्पी होती है संत रविदास जी का कार्यक्रम समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के उद्देश्य से किया जाता है ऐसे कार्यक्रम लगातार होने से समाज में फैली बुराइयों को दूर किया जा सकता है।कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ दशरथ ने कहा कि ऐसे महापुरुष की जयंती है ऐसे गुरु की जयंती है जिसने उस काल में अपने लोहा मनवा दिया जिस काल में दलितों को पढ़ने व कपड़े पहनने की और खाने-पीने की आजादी नहीं थी इसके लिए बहुत संघर्ष किया,देश विदेश में लोग उनकी जयंती मनाते हैं।विशिष्ट अतिथि अवधेश राम ने कहा कि समाज में कोई भी ऊंचा नीचा नहीं होता है परंतु समाज में कुछ ऐसे लोग होते हैं जो समाज को बदनाम करने की नियत से समाज में उल्टी-सीधी गलत कुरीतियां पैदा कर कर आपस में मतभेद पैदा करते हैं ऐसे लोगों से बचना चाहिए और उस काल को भी हमें सोचना चाहिए कि जिस काल में हमारे महापुरुषों ने संघर्ष कर हमें आजादी व स्वतंत्रता दिलाई।घर घर जाकर समाज को जागरूक करें और शिक्षा का दीप जलाएं।
सयोजक महेश कुमार सागर ने सभी का धन्यवाद दिया और फोटो चित्र शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया।मुख्य अतिथि को वायलन और रामपुरी चाकू का सेट देकर महिलाओं द्वारा मुख्य अतिथि डॉ जयश्री को सम्मानित किया गया।सभी अतिथियों को को फोटो वरमाला उड़ा कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर चौधरी सुशील सागर,दिनेश कुमार सागर,नेक पाल सिंह,विजय सागर,दिनेश कुमार बबली,डा गुड्डू बाल्मीकि,अमर आदिवासी,अजय पाल सिंह,नरेश कुमार,डॉक्टर लीलावती आदि ने भी विचार रखे।