जब जब लोग देश को बचाने की बात करेंगे,सरकार मुक़दमे लगाएगी।हम मुकदमों से नहीं डरते:सोमैया राणा

पिता मुनव्वर राणा की पीएम और आरएसएस से नज़दीकियां बतौर एक हिंदुस्तानी रहीं, पर्सनल कुछ भी नहीं है।

‌सपा में शामिल हुई मुन्नवर राणा की बेटी सोमैया राणा पहुँची रामपुर।आज़म खान की पत्नी तंज़ीन फात्मा से की मुलाक़ात।

रामपुर(मुजाहिद खान):मशहूर शायर मुन्नवर राणा की बेटी सोमैया राणा जोकि 29 दिसम्बर को सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा में शामिल हुई थीं।आज आज़म खान की पत्नी शहर विधायक तंज़ीन फात्मा से मिलने रामपुर पहुँची।
मीडिया से हुई बातचीत में सोमैया राणा ने ऐसे आम मुलाकात बताया इसके साथ ही कहा कि 29 दिसम्बर को अखिलेश यादव की उपस्थिति में पार्टी जॉइन की है और कार्यकर्ता की हैसियत से यह ज़रूरी है कि आज़म ख़ाँ के परिवार से मिलूँ और ख़ास तौर से तंज़ीन फात्मा जो जेल से आ गई हैं।यह बहुत ख़ुशी की बात है यहाँ उनसे दुआएं लेने आई हूँ।कहा कि उनसे अच्छी मुलाक़ात रही और बहुत सारी बातों का ख़ुलासा हुआ।बहुत सी बातों में इस बात की भी अफवाहें फैलाई जा रहीं हैं कि आज़म खान की फैमिली पार्टी से नाराज़ है लेकिन बातचीत करके इस पर मोहर लग गई है ऐसा कुछ भी नहीं है और पार्टी ने बराबर साथ दिया है।
आज़म खान और उनके परिवार पर हुए मुकदमों पर कहा कि यह ज़ुल्म और मज़ालिम इस पार्टी की नीति है और खासकर आजम खान और उनके परिवार की बात की जाए तो यह ज़ुल्म की इंतिहा है क्योंकि यह एक ऐसे इंसान और उसके परिवार के साथ करते हैं जिन्होंने तामिरी काम किया हो जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में वह कदम उठाया हो जो आसान नहीं है और मैंने तो पहले भी इस बात को कहा कि जब मैं सामाजिक कार्यकर्ता हुआ करती थी कि मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी का जो मक़ाम है वह अलीगढ़ यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के बराबर का माना जाए क्योंकि इस वक्त में जो इतना सख्त दौर है उस दौर में यह तामीरी काम होता है तो यह बहुत बड़ा काम है और यह उत्तर प्रदेश में नहीं पूरे देश में मुसलमानों की खास कर बात करें अल्पसंख्यकों की नजर इस पर थी किस तरीक़े से यूनिवर्सिटी बनेगी और ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर मिलेंगे और इन सब चीजों को रोकने के लिए ही सरकार ने यह कदम उठाया है।
सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर कहा कि सीएए और एनआरसी का मुद्दा यही है कि जब जब लोग देश को बचाने की बात करेंगे सरकार मुकदमे लगाएगी।हम मुकदमों से नहीं डरते हमें देश बचाना है संविधान बचाना है। इसका जो मूलभूत ढांचा है उसको बचाना है इस पर ही हमारे ऊपर मुकदमे हैं।कहा कि मैंने पार्टी ज्वाइन की तो अखिलेश यादव ने इस बात का आश्वासन दिया है कि जो भी सीएए और एनआरसी के झूठे मुकदमे लगाए हैं 2022 में सरकार बनती है तो उन सभी झूठे मुकदमों को वापस लिया जाएगा।
इनके पिता मुनव्वर राणा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस से नज़दीकियों पर कहा कि प्रधानमंत्री से बतौर एक हिंदुस्तानी नज़दीकियां रही है पर्सनल कुछ भी नहीं है।और जो उनकी मुलाकात हुई थी वह भी वहीं से इनविटेशन आया था जिसमें तमाम मुद्दे लेकर पापा उनसे मिले थे।इसके अलावा जो देश में इस वक्त हो रहा है हम सब उसके खिलाफ है चाहे हाथरस हो या देश का हर एक वर्ग जो अन्नदाताओं की रिस्पेक्ट करता है जो समझता है हम तक अनाज पहुंचाना इन अन्नदाताओं का काम है तो हमारा सब का यह बड़ा फर्ज बनता है कि हम उनके साथ खड़े हो।रही बात समाजवादी पार्टी में शामिल होने की बात तो जो पार्टी समाजवाद को बढ़ावा देती हो सभी समाज को बढ़ावा देती हो एक ऐसी पार्टी जो हर वर्ग और हर तबके को साथ लेकर चलती हो।पिछले वर्ष सीएए और एनआरसी के मामलों पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हम लोगों का साथ दिया चाहे सामने आकर हो या पर्दे के पीछे हो उसके बाद उनका यह कहना सीएए एनआरसी के झूठों के मुकदमों को खत्म किया जाएगा जब 2022 में सरकार बनती है तो।यही सब बातें थी इससे मैं प्रभावित थी इसी को लेकर ही मैंने सपा ज्वाइन की है।आजम खां उनके बेटे के जेल में बंद होने पर कहा कि जिस तरह से न्यायपालिका का रोल रहा है और बहुत खुशी की बात है कि न्यायपालिका ने अपना इंसाफ किया हो और तंज़ीन फात्मा बाहर है और इसी तरह उम्मीद करते हैं कि आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम भी बाहर आएंगे।और यह कि चुनाव में बहुत कमबख्त बचा है 1 साल से भी कम बचा है।जो फिरका परस्त ताकतों के खिलाफ हम लोग खड़े थे चाहे वह बीजेपी हो या उसकी बी टीम हो हम सब उसके लिए खड़े हैं।और इसके लिए लड़ाई लड़ेंगे संवैधानिक तरीके से लड़ेंगे और लोगों को तक यह जागरूकता फैलाएंगे कि हिंदुस्तान की बुनियाद हिंदू,मुस्लिम,सिख,ईसाई,दलित सब के ऊपर बनी है इसमें किसी एक पर्टिकुलर फिरके को न टारगेट कर सकते हैं और न बढ़ावा दे सकते हैं।यह हमारी पयूरटी होगी कि जिनकी आइडियोलॉजी हमसे मैच खाती हो।और जो समाजवाद सेकुलरिज्म को बढ़ावा देते हैं जो संविधान के रक्षक हों उनको एक प्लेटफार्म पर लाया जाए।

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