सौतेले पिता का खौफनाक अंत: दो वर्षों से यौन शोषण झेल रही युवती ने आत्मरक्षा में उतारा मौत के घाट
पालघर, 27 मार्च 2025 | जदीद न्यूज़ ब्यूरो
महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ दो वर्षों से लगातार यौन शोषण का शिकार हो रही 24 वर्षीय युवती ने आत्मरक्षा में अपने सौतेले पिता का प्राइवेट पार्ट काटकर उसकी जान ले ली। घटना के बाद युवती का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें उसने अपने ऊपर हो रहे जुल्मों की दास्तान बयान की है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, युवती के जैविक पिता की मृत्यु के बाद उसकी माँ ने 48 वर्षीय रमेश भारती से दूसरी शादी की थी। मगर, शादी के कुछ समय बाद ही रमेश की नीयत अपनी सौतेली बेटी पर खराब हो गई। युवती ने कई बार इसका विरोध किया, लेकिन सौतेले पिता की दरिंदगी थमी नहीं।
25 मार्च की रात रमेश भारती ने एक बार फिर युवती को जबरन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। इस बार युवती ने विरोध करने की बजाय उसे एक योजना के तहत फंसाया। उसने आरोपी से कहा कि आँखों पर पट्टी बांधकर संबंध बनाना उसे पसंद आएगा। जैसे ही रमेश ने आँखों पर पट्टी बांधी, युवती ने पास में रखा चाकू उठाया और उसके गुप्तांग पर ताबड़तोड़ वार कर दिया।
सड़क पर उतरा मौत का मंजर
जानकारी के अनुसार, आरोपी रमेश भारती दर्द से तड़पता हुआ किसी तरह घर से बाहर निकला, लेकिन गुस्से से भरी युवती ने उसे सड़क पर रोककर फिर से हमला किया। उसने रमेश के गले और चेहरे पर भी चाकू से वार किए, जिससे वह लहूलुहान होकर गिर पड़ा। सड़क पर तड़पते रमेश को देखकर स्थानीय लोग इकट्ठा हो गए और मामले की जानकारी पुलिस को दी।
पुलिस की कार्रवाई
घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने रमेश भारती को अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। वहीं, युवती को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की गई। शुरुआती जांच में सामने आया कि युवती पिछले दो वर्षों से अपने सौतेले पिता के अत्याचारों का शिकार हो रही थी और इस घटना से पहले उसने पुलिस में शिकायत करने की भी सोची थी।
युवती का कबूलनामा
पुलिस हिरासत में युवती ने कहा, “मैंने दो साल तक रोज़-रोज़ मरने से बेहतर एक ही बार में इस जुल्म को खत्म करना सही समझा।”
कानूनी दांव-पेंच में फंसा मामला
पुलिस ने युवती के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है, लेकिन साथ ही रमेश भारती के खिलाफ भी दुष्कर्म और यौन शोषण के आरोपों की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, युवती की माँ और पड़ोसियों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे ताकि सच्चाई पूरी तरह सामने आ सके।
महिला संगठनों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने युवती के साहस की सराहना की और इसे आत्मरक्षा का मामला बताया। महिला आयोग ने मामले में निष्पक्ष जांच और युवती को न्याय दिलाने की मांग की है।
क्या कहती है क़ानून विशेषज्ञों की राय?
विधि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि युवती के आरोप सही साबित होते हैं, तो यह आत्मरक्षा का मामला बन सकता है और उसे उचित कानूनी संरक्षण मिल सकता है।
निष्कर्ष
यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि महिलाएँ आज भी घर में सुरक्षित नहीं हैं। सवाल यह है कि क्या कानून ऐसे पीड़ितों को समय पर न्याय दिलाने के लिए पर्याप्त मजबूत है, या फिर उन्हें खुद ही इंसाफ़ लेना पड़ेगा?