गणतंत्र दिवस पर किसान संगठनों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली ने मंगलवार को हिंसक रूप ले लिया. किसानों ने दिल्ली के कई स्थानों पर जमकर बवाल काटा और पुलिस से उनकी झड़प हुई.हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज, वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया. कृषि कानूनों के खिलाफ करीब दो माह से दिल्ली में मोर्चे पर डटे किसानों की ओर से निकाली गई रैली के दौरान ट्रैक्टर हादसे में एक किसान की मौत हो गई. दिल्ली पुलिस ने किसानों को राजपथ पर आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद निर्धारित मार्गों पर ट्रैक्टर परेड की इजाजत दी थी लेकिन उस समय अफरातफरी की स्थित पैदा हो गई जब किसान मध्य दिल्ली की ओर जाने पर अड़ गए.
ट्रैक्टर परेड निकाल रहे किसान दिल्ली के कई इलाकों में जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कानून एवं व्यवस्था की मौजूदा स्थिति के मद्देनज़र दिल्ली के कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है. सरकार के आदेश के बाद नांगलोई में जिओ ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि गृह मंत्रालय द्वारा सिंघु, गाजीपुर, टिकरी, मुबारका चौक, नागलोई और उससे जुड़े आस-पास के इलाकों में इंटरनेट सेवा आज रात 12 बजे तक के लिए बंद कर दिया गया.
बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी किसान अपने नेताओं की बात भी नहीं सुन रहे हैं और बेकाबू हो गए हैं. हालांकि, किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का दावा है कि प्रदर्शन पर किसान नेताओं का नियंत्रण है. उन्होंने कहा कि गड़बड़ी फैलाने की कोशिश करने वाली की पहचान है. राजनीतिक दलों के लोग हैं, जो आंदोलन को खराब करने की कोशिश में जुटे हैं. उधर, दिल्ली पुलिस ने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है.