भीखनपुर कुलवाड़ा, कुंदरकी (मुरादाबाद) में इमाम हुसैन (अ.स.) की चिलम की अज़ादारी, मातमी जुलूस निकाला गया
संवाददाता – सय्याद आरिफ मियां
मुरादाबाद – कुंदरकी तहसील के भीखनपुर कुलवाड़ा में शुक्रवार को इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की चेहलूम की अज़ादारी बड़े अदब और एहतराम के साथ अंजाम दी गई। इस मौके पर आज़ादारों ने छुरियों का मातम करते हुए गमगीन माहौल में मातमी जुलूस निकाला।
मातमी जुलूस में शिया समुदाय के तमाम बुजुर्ग, नौजवान, बच्चे और महिलाएं शामिल हुईं। हज़ारों की तादाद में मौजूद अज़ादारों ने हाथों में आलम और ताज़िये उठाकर, नारे-हुसैनियत बुलंद करते हुए अज़ादारी पेश की।
जुलूस में प्रमुख व्यक्तियों की शिरकत
इस मौके पर मौलाना नबी हैदर, डॉ. सलीम हुसैन रिज़वी, राशिद हुसैन, अनस रिज़वी, सरकार हैदर, शमीम अब्बास, सजी अब्बास, रूबी अब्बास, मोहम्मद मेहंदी, शोएब अब्बास, दानिश हुसैन, रॉयल अब्बास, मोहम्मद बिलाल, शरीक अब्बास, अली अब्बास, मोहम्मद असलम समेत अनेक गणमान्य और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल रहे।
माहौल में ग़म और अकीदत का रंग
जुलूस के दौरान मातमी नौहाख़्वानी और सोज़ख़्वानी की गई, जिसमें इमाम हुसैन (अ.स.) और कर्बला के शहीदों की याद में अशआर पढ़े गए। कोरिया का मातम और सीनाज़नी करते हुए अज़ादारों ने कर्बला की कुर्बानी को याद किया। कई नौजवानों ने खून का मातम कर अपनी अकीदत का इज़हार किया।

अज़ादारी में महिलाओं और बच्चों की भागीदारी
मातमी जुलूस में सिर्फ़ मर्द ही नहीं, बल्कि बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हुए। महिलाओं ने घरों के सामने सबील और नज़र-नियाज़ का इंतज़ाम किया, जबकि बच्चों ने मातमी लिबास पहनकर जुलूस के अनुशासन में योगदान दिया।
शांति और अनुशासन के साथ सम्पन्न
स्थानीय प्रशासन और पुलिस बल ने जुलूस के रूट पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए। जुलूस शांति और अनुशासन के साथ तयशुदा मार्ग से गुज़रते हुए अपने मुक़ाम पर समाप्त हुआ।