दिल्ली: शहीद हेमंत करकरे के एक पूर्व सहयोगी अधिकारी ने भोपाल से आतंकवाद की आरोपी व बीजेपी की लोकसभा उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया है, उन्होंने कहा कि वह शहीद हेमंत करकरे पर की गयी टिप्पणी से ” बहुत ज़्यादा आहत” हैं।

60 वर्षीय रियाजुद्दीन ग़यासुद्दीन देशमुख ने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भोपाल से लोकसभा टिकिट के लिये  अपना नामांकन दाखिल किया। श्री रियाज़ुद्दीन पुलिस अधीक्षक के पद से 2016 में रिटायर्ड हुए हैं। उन्होने कहा, “करकरे साहब को राष्ट्र-विरोधी कहने के करण मैंने प्रज्ञा ठाकुर केे खिलाफ  भोपाल से चुनाव लड़ने का फैसला किया।”

 हेमंत करकरे ^(https://jadidnews.in/goto/https://en.wikipedia.org/wiki/Hemant_Karkare) ने महाराष्ट्र के आतंकवाद-रोधी दस्ते के मुख्य अधिकारी के तौर पर 26/11 के मुंबई हमलों के दौरान आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो जाने के पहले मालेगांव में हुए विस्फोटों की जांच करते हुए प्रज्ञा ठाकुर को आरोपी पाया।

जैसे ही बीजेपी ने प्रज्ञा को भोपाल से लोकसभा उम्मीदवार बनाया तब उसने शहीद करकरे के बारे में कहा था, “मैंने हेमंत करकरे को श्राप दिया था और 2 महीने बाद आतंकी ने मार दिया”। काफी विरोध के बाद उन्हे अपना बयान वापस लेना पडा था, तब तक भाजपा की काफी किरकिरी भी हुई यहाँ तक कि पार्टी को ठाकुर के बयान से खुद को अलग करके उसका बचाव भी करना पडा था।

श्री देशमुख जी महाराष्ट्र के औरंगाबाद ^(https://jadidnews.in/goto/https://en.wikipedia.org/wiki/Aurangabad_district,_Bihar) के निवासी हैं, उन्होने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि वह प्रज्ञा ठाकुर की टिप्पणी से बहुत ही ज़्यादा आहत हैं और टूट से गये हैं।

उन्होने कहा “मैंने करकरे के साथ एक उप-निरीक्षक के तौर पर काम किया था, वह एक अकेले ऐसे पुलिस अधीक्षक थे जो बहुत हिम्म्तवाले,मदद करने,प्रोत्साहित करने वाले और एक हीरा व्यक्तित्व वाले इंसान थे”। उन्होंने मुझे बहुत पसंद किया और मैंने उनका बहुत सम्मान किया उन्होने कहा “मेरी खुशनसीबी है कि मैंने उनके साथ काम किया” ।

प्रज्ञा ठाकुर को धमाकों के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने क्लीन चिट दी थी, लेकिन ट्रायल कोर्ट ने उसे छोड़ देने से इनकार कर दिया, मगर प्रज्ञा ठाकुर पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मुकदमा अभी भी जारी है। सेहत की वजह से उन्हें मुम्बई हाई कोर्ट ^(https://jadidnews.in/goto/https://en.wikipedia.org/wiki/Bombay_High_Court) ने 2017 में जमानत दी थी।

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