जौहर यूनिवर्सिटी गेट प्रकरण में हाईकोर्ट से राहत,30%राशि जमा करने के साथ दिया स्टे।
मुजाहिद खाँ/रामपुर:मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के गेट प्रकरण में हाईकोर्ट ने 30% राशि जमा करने के साथ ही अक्टूबर के पहले हफ्ते में सुनवाई की तारीख़ दी है।
मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी का गेट सरकारी जगह पर बना होने और पीडब्ल्यूडी के द्वारा सड़क बनाने के साथ आमजन के रास्ता बंद होने को लेकर 2019 में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने शिकायत दर्ज कराई थी जिस पर रिटायर्ड एसडीएम पीपी तिवारी की कोर्ट में सुनवाई करते हुए 15 दिन में गेट तोड़ने का आदेश दिया था।जिस पर चांसलर आज़म खान और यूनिवर्सिटी पक्ष में जिला न्यायालय में अपील की थी जिस पर लगभग 2 वर्ष के बाद 02 अगस्त जौहर यूनिवर्सिटी पक्ष की अपील को खारिज कर दिया और प्रशासन द्वारा पूर्व के फैसले को यथावत रखा।
कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन सक्रिय हो गया और कार्यवाही के तहत 1 करोड़ 68 लाख के जमा करने के साथ 4 लाख 55 हज़ार रुपए के लगभग महीना का आदेश दिया और आज़म खाँ के आवास और जौहर यूनिवर्सिटी के गेट पर नोटिस भी चस्पा कराया और 19 अगस्त तक कि तारीख दी।इस सम्बंध में आज़म खान और यूनिवर्सिटी पक्ष ने हाईकोर्ट में अपील की जिसमें सोमवार 16 अगस्त को हाईकोर्ट प्रयागराज के कोर्ट नम्बर 07 के न्यायाधीश अजीत कुमार ने फैसला सुनाया।इसमें सरकार की ओर अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने और आज़म खान पक्ष की ओर से कमरुल हसन कासमी और सफदर कासमी ने पैरवी की।
आज़म खान और जौहर यूनिवर्सिटी पक्ष के हाईकोर्ट अधिवक्ता कमरुल हसन ने बताया कि दोनो पक्षो की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश अजीत कुमार ने 30%राशि जमा करने के साथ दो सप्ताह काउंटर के लिए समय देने के साथ अक्टूबर के प्रथम सप्ताह की तारीख दी है।साथ ही पीडब्ल्यूडी विभाग रामपुर को अब्दुल कलाम गेस्ट हाउस तक के रास्ते को विभागीय रास्ते के अलावा आम रास्ता नहीं करने के आदेश दिए और हाईकोर्ट के अंतिम फैसला आने तक स्टे का आदेश बताया।